भटकी लड़की का सहारा बना 'आपका आंचल'
संवाद सूत्र, बछवाड़ा : एक लाचार व वेवश लड़की की दर्द भरी कहानी सुनकर लोगों की आंखों से अनायास ही आंसू
संवाद सूत्र, बछवाड़ा : एक लाचार व वेवश लड़की की दर्द भरी कहानी सुनकर लोगों की आंखों से अनायास ही आंसू निकल आए। उक्त लड़की बद से बदतर जिंदगी जीने को विवश है। यह कहानी परिहारा गांव की किरण कुमारी का है। किरण का कहना है कि जो उम्र हमारी खेलने ओर पढ़ने की थी उसी समय गरीबी के कारण हमारे पिता घनश्याम चौधरी (दिल्ली में रिक्सा चालक) ंने हमसे तीन गुणा अधिक उम्र के लड़के बछवाड़ा प्रखंड के रानी गांव निवासी मुरारी झा से शादी कर दी गई। मुरारी के साथ पांच साल तक जिंदगी नरक के तरह गुजारी है। जब मैं अपने पिता के यहां दिल्ली गई तो कुछ दिनों बाद मुझे एक लड़की पैदा हुई। इसी बीच मुरारी झा ने दूसरी शादी कर ली। जब मैं एक बच्ची को लेकर अपने ससुराल आई तो पति मुझे रखने को तैयार हुआ। लेकिन, हमारी बच्ची को रखने को तैयार नहीं था तो पुन: मायके गई। कुछ दिनों के बाद हमारी चाची द्वारा पुन: हमारी शादी साहेबपुर कमाल के फुलमलिक निवासी शंभू ठाकुर से कर दी गई। वहां भी उक्त लड़का कुछ दिनों बाद मेरी बच्ची को रखने को तैयार नहीं हुआ और आज मैं बच्ची को लेकर सड़क पर दर-दर की ठोकर खा रही हूं। इस घटना की फरियाद जब 'आपका आंचल' के पास पहुंची तो संस्था मां और बच्चे के लिए आगे आई। संस्था की सचिव कामिनी कुमारी ने बताया कि उक्त महिला और उसके बच्चे को संस्था पूरी मदद करेगी। लड़की के साथ-साथ इस समाज को मां भी चाहिए। ताकि ममता शर्मशार नहीं हो। लड़की के माता-पिता को बुलाया गया है। लड़की इस समय संस्था में रह रही है।