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कार्य समय पर संपन्न हो, पर भुगतान ..

श्रीकृष्ण मिश्र, बेगूसराय : राज्य व जिला के उच्चाधिकारियों द्वारा विभिन्न सरकारी योजनाओं को समय प

By Edited By: Published: Sat, 25 Oct 2014 09:48 AM (IST)Updated: Sat, 25 Oct 2014 09:48 AM (IST)
कार्य समय पर संपन्न हो, पर भुगतान ..

श्रीकृष्ण मिश्र, बेगूसराय :

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राज्य व जिला के उच्चाधिकारियों द्वारा विभिन्न सरकारी योजनाओं को समय पर पूरा करने को ले कड़ा निर्देश जारी किया जाता है। ससमय कार्य पूरा नहीं होने पर संवेदकों को पेनाल्टी लगाने का भी प्रावधान है। किन्तु ससमय कार्य सम्पन्न करने वाले संवेदकों को समय से भुगतान के प्रावधान के बाद भी इस कार्य में काफी विलंब किया जाता है। नतीजतन संवेदकों को सम्पन्न योजनाओं के भुगतान के लिए भी अधिकारियों से फरियाद व कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है। जिला में योजना विभाग का एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है।

क्या है मामला : मामला बलिया प्रखंड के छोटी बलिया में कराए गए पीसीसी कार्य से संबंधित है। क्षेत्र अभियंत्रण संगठन कार्य प्रमंडल बखरी-2 के कार्यपालक अभियंता द्वारा छोटी बलिया में लाल मोहन चौधरी के घर से शंकर सोनार, विजय मोची आदि के घर होते हुए सड़क तक पीसीसी ढ़लैया कार्य की स्वीकृति दी गई। स्वीकृति व टेंडर के उपरान्त संवेदक राजीव कुमार द्वारा कार्य पूर्ण किया गया तथा इसकी सूचना 10 फरवरी 2014 को ही विभाग के कार्यपालक अभियंता को दी गई।

कई बार लगा चुका है गुहार : संवेदक ने 10 फरवरी 2014 को ही कार्य सम्पन्न हो जाने की सूचना के साथ कार्य की मापी कराकर भुगतान करने की मांग कार्यपालक अभियंता से की। जिसके विरूद्ध विभाग के कनीय अभियंता द्वारा योजना की मापी कर मापी पुस्त भी उपलब्ध करा दिया गया। योजना के पूरी राशि का भुगतान नहीं होने पर संवेदक द्वारा 20 मार्च, 6 अगस्त व 23 अगस्त 2014 को भी कार्यपालक अभियंता को लिखित आवेदन देकर भुगतान करने की गुहार लगाई गई। परंतु भुगतान अब तक लंबित है।

बताया जा रहा वजह : विभागीय अधिकारी भुगतान नहीं होने के कारण एक स्थानीय व्यक्ति द्वारा निजी जमीन पर सड़क निर्माण कराने की शिकायत बता रहे हैं। दरअसल एक स्थानीय व्यक्ति ने विभाग से उनकी निजी जमीन पर सड़क बनाने की शिकायत की है। जिसे आधार बताकर भुगतान लंबित रखा जा रहा है। हालांकि विभाग इस कारण को लिखित रूप से जारी नहीं किया है।

मामला अनापत्ति प्रमाण पत्र का : कार्य प्रारंभ होने से पूर्व व कार्य सम्पन्न होने के बाद भी विभाग द्वारा उक्त सड़क के निर्माण को ले संबंधित अंचल के अंचलाधिकारी से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया जा चुका है। एक स्थानीय व्यक्ति द्वारा निजी जमीन पर सड़क निर्माण कराने की शिकायत के बाद विभाग द्वारा मांग के आलोक में जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र में भी अंचलाधिकारी ने साफ कहा है कि सड़क निर्माण कार्य सम्पन्न हो चुका है तथा इसमें कोई विवाद नहीं है। अनापत्ति प्रमाण पत्र में यह भी कहा गया है कि उक्त भूखंड पर पूर्व में भी ईट सोलिंग का कार्य हुआ था।

बोले संवेदक :

संवेदक राजीव कुमार ने कहा कि 8 लाख से अधिक की उक्त योजना के विरूद्ध कार्य संचालन के समय ही करीब 3 लाख 50 हजार रूपए का भुगतान विभाग द्वारा किया गया था। शेष राशि के भुगतान के लिए महीनों से कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। परंतु कार्यपालक अभियंता द्वारा इस दिशा में उचित कार्रवाई नहीं की जा सकी है। उन्होंने विभागीय अधिकारी की मंशा पर भी सवाल उठाया। आरोप लगाया कि अवैध राशि वसूली के कारण राशि भुगतान लंबित रखा जा रहा है। संवेदक ने डीएम से मामले की जांच व न्याय दिलाने की मांग भी की है।

बोले कार्यपालक अभियंता : एक स्थानीय व्यक्ति की शिकायत के कारण सिर्फ 5 फीट चौड़ाई व एक सौ फीट लंबाई में किए गए कार्य के विरूद्ध भुगतान लंबित है। शेष का भुगतान कर दिया गया है।

उठ रहे सवाल : विभागीय प्रावधान की मानें तो किसी भी स्थल पर योजना का कार्य तब कराया जा सकता है। जबकि संबंधित जमीन का अनापत्ति प्राप्त हो। सवाल यह उठता है कि यदि उक्त भूखंड पर पूर्व से विवाद था तो फिर किस स्थिति में विभाग द्वारा उक्त योजना की स्वीकृति दी गई, टेंडर किया गया व कार्य कराया गया। सवाल यह भी कि जब अंचलाधिकारी द्वारा दो-दो बार अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत किया जा चुका है, तो फिर जमीन विवाद का मामला ही कहां रह जाता है। जो गहन जांच का विषय है।


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