चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मियों ने पकड़ी आंदोलन की राह
संवाद सूत्र, बलिया/मटिहानी : बलिया अनुमंडलीय अस्पताल भवन पर चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ बलिया के अध्यक्ष दयानंद यादव की अध्यक्षता में चिकित्सा पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य कर्मचारी कलमबंद हड़ताल के साथ धरना पर बैठ गए एवं प्रदर्शन किया। साथ ही विगत 19 जुलाई को चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मियों पर जानलेवा हमला एवं सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाने की निंदा की। चिकित्सक व चिकित्साकर्मियों ने कर्मचारियों की सुरक्षा की गारंटी देने, दोषी लोगों पर अविलंब कार्रवाई करने, घायल पवन पासवान को मुआवजा देने की मांग की। धरना को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. अरुण कुमार गुप्ता, प्रखंड मंत्री संजय प्रसाद, स्वास्थ्य प्रबंधक एसजेड रहमान, नेत्र सहायक रमण कुमार, वीसीएम विपिन बिहारी गुलशन, महासंघ के उपाध्यक्ष शंकर मोची, प्रखंड उपाध्यक्ष राम उदय सिंह, संघर्ष मंत्री रीना कुमारी ने संबोधित किया। धरना में परिचारिका ए ग्रेड, एएनएम साधना कुमारी, सीमा कुमारी, गीता कुमारी, रेखा कुमारी, आशा फैसिलेटर नीतू कुमारी, आशा कुमारी, अर्चना कुमारी, निर्मला कुमारी, सिंकू कुमारी सहित कई चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे। इधर कलमबंद हड़ताल के कारण स्वास्थ्य केंद्र में सन्नाटा छाया रहा। इसके कारण रोगियों को वापस लौटना पड़ा।
मटिहानी प्रतिनिधि के अनुसार बलिया अनुमंडलीय अस्पताल की घटना के विरोध में मंगलवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मटिहानी एवं रेफरल अस्पताल मटिहानी में कार्यरत चिकित्सक व कर्मियों ने जुलूस निकाला। जुलूस का नेतृत्व कर्मचारी संघ के प्रमंडलीय मंत्री अनिल कुमार एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी राजेश कुमार सिन्हा कर रहे थे। जुलूस में शामिल चिकित्सक व कर्मी सुरक्षा की गारंटी करने की मांग स्वास्थ्य प्रशासन से कर रहे थे। अस्पताल परिसर से निकला जुलूस प्रखंड कार्यालय होते हुए पुन: अस्पताल परिसर पहुंच सभा में तब्दील हो गया। यहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए प्रमंडलीय मंत्री श्री कुमार ने कहा कि आए दिन चिकित्सक व चिकित्साकर्मियों के साथ मारपीट की घटनाएं घटती रहती है, जो उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी यदि ऐसी घटनाओं पर रोक नहीं लगाएंगे तो चिकित्सक व कर्मचारी आगे भी आंदोलन करने को बाध्य होंगे। मौके पर स्वास्थ्य प्रबंधक श्रीमोद कुमार, कर्मी प्रभुनंदन सिंह, राजेश कुमार, विकास कुमार सहित बड़ी संख्या में एएनएम भी शामिल थीं।