श्रद्धा, विश्वास व आस्था की बही त्रिवेणी
निर्भय, बेगूसराय : दो दिनों तक बेगूसराय 'हर-हर गंगे' से गूंजायमान होते रहा। बेगूसराय-समस्तीपुर की सीमा रशीदपुर से लेकर बेगूसराय-खगड़िया की सीमा हीरा टोल तक गंगा जागरण रथ का हजारों लोगों ने जगह-जगह भव्य स्वागत किया। इस दौरान गंगा पूजन, आरती, संगोष्ठी, निर्मल गंगा शपथ अभियान के माध्यम से जिला के लोग 'गंगा जागरण' कार्यक्रम से जुड़े।
रशीदपुर से लेकर हीरा टोल तक गंगा जागरण रथ ने लगभग सौ किलोमीटर की दूरी बेगूसराय जिला में तय की। यात्रा तीन अनुमंडल और सात प्रखंडों से गुजरी। यात्रा का पड़ाव तेघड़ा नगर पंचायत, बीहट नगर परिषद, बेगूसराय नगर निगम व बलिया नगर पंचायत क्षेत्र भी बना।
यात्रा में स्कूली छात्र-छात्राएं, महिलाएं, बच्चे, शिक्षकों, समाजसेवियों, जनप्रतिनिधियों ने बड़े पैमाने पर शिरकत की। साधु-संतों ने भी अपना योगदान दिया।
कहने का मतलब यात्रा जिस गांव-गली, शहर-नगर से गुजरी सभी ने मुक्त कंठ से इसकी प्रशंसा की और रथ को फूल-मालाओं से लाद दिया।
बेगूसराय सांसद डा. भोला सिंह ने 'दैनिक जागरण' के इस अभियान की जमकर प्रशंसा की। कहा, मैं निर्मल गंगा, अविरल गंगा का शपथ लेता हूं। जबकि प्रसिद्ध उत्तर वाहिनी सिमरिया गंगा तट पर निर्मल गंगा शपथ कार्यक्रम में बेगूसराय एसपी मनोज कुमार, एएसपी कुमार मयंक, तेघड़ा विधायक ललन कुंवर, वरीय भाजपा नेता रामलखन सिंह, सर्वेश कुमार, बीहट नगर परिषद के अध्यक्ष राजेश कुमार टूना, एसएनएनआर कॉलेज चमथा के प्राचार्य प्रो. अशोक कुमार सिंह 'अमर,' भारद्वाज गुरुकुल के निदेशक शिव प्रकाश भारद्वाज, विकास विद्यालय के निदेशक राजकिशोर सिंह, बेगूसराय कोचिंग सह पब्लिक स्कूल एसोसिएशन के महासचिव राजेश कुमार, संयुक्त सचिव मुकेश कुमार प्रियदर्शी, सर्वमंगला परिवार के उषा रानी, शिक्षक वृज बिहारी मिश्रा, मधुकर जी, नेहरू युवा केंद्र के राजीव नंदन कुमार, सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप सिन्हा, खेल महासंघ के मृत्युंजय कुमार विरेश समेत बड़ी संख्या में सिमरिया गंगा स्नान को आए श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। प्रभारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश वायुनंदन लाल श्रीवास्तव ने सभी को शपथ दिलाई।
वहीं दीप यज्ञ में भी बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। राजेंद्र पुल पर से भी लोग इस मनोरम दृश्य का अवलोकन कर रहे थे। संध्या के समय सिमरिया में जहां एक ओर श्रद्धा, विश्वास व आस्था की गंगा प्रवाहित हो रही थी, वहीं लोगों के मन में निर्मल गंगा, अविरल गंगा का संकल्प मजबूत हो रहा था।