बदहाल व्यवस्था : पेड़ के नीचे होती पढ़ाई
संवाद सूत्र, बछवाड़ा : जिला में आज भी बुनियादी शिक्षा की स्थिति कमजोर है। इसका उदाहरण बछवाड़ा प्रखंड है। प्रखंड क्षेत्र के कई विद्यालयों में आज भी बुनियादी संरचनाओं की घोर कमी है। कहीं पेड़ के नीचे तो कहीं 'फूस की पलानी' के नीचे बच्चे पढ़ने को विवश हैं।
नव सृजित प्राथमिक विद्यालय प्रसंदो महतो टोल आम के बगीचे में चल रहा है। स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक संजय शर्मा ने बताया कि पेड़ के नीचे बच्चों को पठन-पाठन में कठिनाई हो रही है। कड़ी धूप में पेड़ के नीचे पठन-पाठन को विवश हैं। थोड़ी सी तेज हवा चलने पर धूल उड़ने लगती है।
वहीं नवसृजित प्राइमरी स्कूल सुरो आलमपुर जमीन के अभाव में एनएच 28 के किनारे गड्ढे में फूस की झोपड़ी में चल रही है। प्रखंड क्षेत्र में इस तरह के करीब 14 स्कूल आज भी जमीन व भवन उपलब्ध नहीं रहने के कारण बदहाल है। बच्चे स्कूलों में बोरियां बिछाकर पठन-पाठन करते हैं। अप्रैल 2010 में शिक्षा का अधिकार कानून देश भर में लागू होने के साथ ही नए प्राथमिक विद्यालय का सृजन कागज पर तो किया गया। परंतु, इन स्कूलों में अब तक जमीन व भवन की व्यवस्था नहीं की जा सकी है। स्कूलों को मध्य विद्यालय में अपग्रेड किए जाने के बाद अब तक समुचित संसाधन उपलब्ध नहीं कराया गया है। इस संबंध में बीइओ मंजू कुमारी कहती हैं कि नवसृजित विद्यालयों के लिए अभी सरकारी तौर पर जमीन के लिए राशि आवंटित नहीं की गई है। जहां जमीन की व्यवस्था ग्रामीणों ने की है, वहां स्कूल भवन बनाए गए हैं।