आमदनी लाखों में सुविधाएं नदारद
जागरण संवाददाता, बेगूसराय : मिथिला विश्वविद्यालय का गौरवपूर्ण महाविद्यालय जीडी कालेज आजकल ऊंची दुकान फीकी पकवान वाली कहावत को चरितार्थ करता दिख रहा है। आइए, देखते हैं इसकी कुछ बानगी।
छात्र-छात्राओं को प्राप्त नहीं है मानक सुविधाएं
जीडी कालेज में कुल 22 हजार से अधिक छात्र- छात्रा नामांकित हैं। परंतु, सुविधाओं की भारी किल्लत है। कालेज परिसर में छह चापाकल हैं। जिसमें से चार मृत प्राय हैं। दो चापाकल इस प्रचंड गर्मी में कितने छात्र- छात्राओं की प्यास बुझाएगा इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। कक्षा संख्या एक से पांच तक इतनी जर्जर है कि उसका सीलिंग बराबर टूटकर गिरती रहती है। उक्त भवन कभी भी बड़े हादसे का गवाह बन सकता है। पंखा शुल्क तो वसूला जाता है। लेकिन, जर्जर तार के कारण अधिकांश कक्षाओं में पंखा चलाना खतरे को आमंत्रित करता है। परिणाम स्वरूप 50-50 केवी के दो जेनरेटर हाथी के दांत बने हुए हैं। ठंडे पानी के लिए लगाये गये दो यूनिट वाटर कूलर वर्षो से बंद पड़े हैं। कार्यालयी कार्य के लिए बनाए गए काउंटर के पास शेड नहीं होने से छात्र-छात्राओं को इस चिलचिलाती धूप में घंटों खड़े रहना पड़ता है।
महाविद्यालय प्रत्येक दिन बनता है रणक्षेत्र
जीडी कालेज में छात्रों के अनुपात में काउन्टर की व्यवस्था नहीं रहने के कारण यहां नामांकन, परीक्षा प्रपत्र भरने एवं अन्य कार्यालयी कार्य को ले छात्र- छात्राओं को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। भीड़ के कारण अफरातफरी दिनचर्या बनकर रह गया है। वहीं, दूसरी ओर कुछेक छात्र नेता संगठन की आड़ में नामांकन सहित अन्य कार्यो में अवैध उगाही में ही तल्लीन रहते हैं। कालेज सूत्र बताते हैं कि शिक्षकों में आपसी मतभेद का फायदा कुछेक छात्र नेता जमकर उठा रहे हैं।
समुचित कक्षा संचालन बन गया सपना
एक तरफ विश्वविद्यालय और महाविद्यालय प्रशासन 75 प्रतिशत उपस्थिति को अनिवार्य बता रही है। वहीं कालेज में कक्षाओं का संचालन नियमित नहीं होता है। नियमित कक्षा संचालन के संबंध में शिक्षक जहां छात्रों के नहीं आने की बात कह अपना पल्लू झाड़ते नजर आते हैं। वहीं छात्र सिंकु कुमार, विकास कुमार, रूपेश कुमार, अवनिश कुमार, धीरज कुमार आदि ने बताया कि नामांकन कराने के बाद हमलोगों ने काफी प्रयास किया कि कक्षा का संचालन हो। लेकिन कभी शिक्षक नहीं तो कभी छात्र नहीं, तो कभी आंदोलन के कारण कक्षाएं नहीं संचालित हो पायी। सूत्रों के अनुसार इस कालेज के अधिकांश छात्र-छात्रा नामांकन के बाद सिर्फ परीक्षा प्रपत्र ही भरने आते हैं।
कहते हैं प्रभारी प्रधानाचार्य
प्रभारी प्राचार्य प्रो. अनिल शंकर मिश्रा ने भी छात्रों की विभिन्न समस्याओं पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि मेरे द्वारा यहां उपलब्ध संसाधन में छात्रों के समस्याओं के समाधान की दिशा में ठोस पहल की जाती है। आगे भी छात्र व कालेज हित में बेहतर व्यवस्था का प्रयास किया जाएगा।