डायन कहना अपराध, हो सकती है जा : बुद्धप्रकाश
-अंधविश्वास भगाओ देश बचाओ कार्यक्रम आयोजित
छौड़ाही (बेगूसराय) : डायन भूत प्रेत सब अंधविश्वास है। यह गरीबी अशिक्षा की कोख में पनपती है। अगर डायन भूत प्रेत होते तो सरहद पर सैनिकों की जरूरत नहीं होती। क्योंकि डायन भूत झाड़ने वाले ओझा गुणी ही सरहद पर जाए बिना दुश्मनों को मार भगाते। उक्त बातें अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य भंते बुद्धप्रकाश ने रविवार को खोदावंदपुर व छौड़ाही प्रखंड के कई गांवों में आयोजित अंघविश्वास भगाओ देश बचाओ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। खोदावुदपुर थाना के गोसाई मठ गांव की वृद्ध महिला सरोवति देवी को डायन कह मैला पिलाने का प्रयास, पीट कर घायल कर देने संबंधि मामला पर संज्ञान ले पीड़िता को सलाह देने व जांच करने के क्रम में भंते बुद्धप्रकाश ने बताया कि डायन प्रतिषेद्ध अधिनियम 1999 के अनुसार डायन कहने वालों को तीन माह की सजा, शारीरिक मानसिक प्रताड़ना देने वाले को छह माह का जेल व दो हजार रुपये जुर्माना देने का प्रावधान है। कहा, डायन भूत प्रेत आदि अंधविश्वास गरीब असहाय अल्पसंख्यक महादलित टोला में ही जादातर देखा गया है। इसका मुख्य कारण अशिक्षा है। इन समस्याओं का समाधान लगातार अंधविश्वास अभियान चलाने से ही हो सकता है। जिलाधिकारी बेगूसराय ने ज्ञापांक 444 गोपनीय दिनांक 18 मार्च 2014 जिले के सभी बीडीओ को पत्र भेज भंते बुद्ध प्रकाश के निर्देशन में अंधविश्वास भगाओ देश बचाओ अभियान चलाने का निर्देश दिया है। इससे पीड़ित महिलाओं को इंसाफ मिलेगा। साथ ही गुमराह लोगों को भी ओझा डायन के फेरे में नहीं पड़ने, साथ-साथ रहने को सहमत कराया गया है।