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सच्चे मित्र की पहचान दुख में होती है : बिन्दु

बांका। गौरा गांव में चल रहा श्रीराम कथा शुक्रवार को संपन्न हो गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Apr 2017 10:44 PM (IST)Updated: Fri, 28 Apr 2017 10:44 PM (IST)
सच्चे मित्र की पहचान दुख में होती है : बिन्दु
सच्चे मित्र की पहचान दुख में होती है : बिन्दु

बांका। गौरा गांव में चल रहा श्रीराम कथा शुक्रवार को संपन्न हो गया। अंतिम दिन कथा वाचक साध्वी बिन्दु ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम अपने पिता की आज्ञा का पालन करते हुए पुत्र धर्म निभाया था। इसलिए पिता की बातों को अनसुना नहीं करना चाहिए। कहा कि जब भी मानव को भगवान से सच्चा प्रीत होता है, तो वह राम का नाम स्मरण करता है। जिससे मरने के बाद उसे बैकुंठ की प्राप्ति होती है। उन्होंने महिलाओं को हमेशा अपनी मर्यादा में रहने की बात कही। राम-हनुमान की मित्रता की कथा सुनाते हुए कहा कि जो मित्र के दुखों को देख दुखी नहीं होता, उसे देखने मात्र से पाप लगता है। सच्चा मित्र वही है, जो मित्र से डरे बिना उसे अधर्म की राह पर जाने से रोके। समापन के मौके पर यजमान नंदकिशोर तिवारी एवं धर्मपत्नी निर्जला देवी, कुलदीप मंडल, कोषाध्यक्ष राजकुमार रजक, पूर्व मुखिया उमेशचन्द्र रजक, जीवन ¨सह, कैलाश मंडल, नटवर मोदी, प्रकाश रजक, प्रेम कुमार दास, बनारसी दास, प्रदीप कुमार ¨सह, बीजेन्द्र रजक, छोटू तिवारी, मदन रजक आदि उपस्थित थे।


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