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सूखे नहर का अभिशाप झेल रहे खेत व किसान

बांका। किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार नित्य नए तकनीक व विधि का प्रयोग कर रही है।

By Edited By: Published: Tue, 27 Dec 2016 11:47 PM (IST)Updated: Tue, 27 Dec 2016 11:47 PM (IST)
सूखे नहर का अभिशाप झेल रहे खेत व किसान

बांका। किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार नित्य नए तकनीक व विधि का प्रयोग कर रही है। ताकि उत्पादन में वृद्धि हो सके। लेकिन आज भी बाराहाट प्रखंड के दर्जनों गांव के किसानों के लिए नहर छलावा साबित हो रहा है।

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ज्ञात हो कि प्रखंड क्षेत्र का नहरीकरण कर किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से नहरों का निर्माण कराया गया है। लेकिन निर्माण काल से ही इस नहर में पानी आने का सपना क्षेत्र के किसानों के लिए सपना ही बन कर रह गया है। लाखों खर्च कर निर्मित नहर अधूरा रह जाने के कारण बेकार साबित हो रहा है। विभाग की लापरवाही के कारण इसकी अब कोई उपयोगिता नहीं रह गया है। वैसे तो देश की अर्थव्यवस्था के केन्द्रबिन्दु माने जाने वाले किसानों की समस्या अक्सर उठती रहती है। इसके बाद भी किसान आज भी लाचार बने हैं। ज्ञात हो कि प्रखंड के चिहार, घटेरा, मखनपूर, बाबुडीह, अरकटा, पनीया, धोवीन, लोधा, तारडीह, तुडीह, केनुआटीकर, राजापुर, औरिया, सहित दर्जनों गांव के किसान पटवन की समुचित व्यवस्था नहीं रहने के कारण या तो इन्हें वर्षा पर निर्भर रहना पड़ता है या फिर पानी के अभाव में फसल बर्बाद हो जाता है।

ग्रामीण इकरामूल हक, अखलाद, मो. अलीमगीर, मो. नजाम, मिनाम, हाफीस, सालीन, मो. अरसद, मो. इंतजार, सरगुण मंडल, प्रयाग यादव, फुचन मंडल, चमकलाल यादव, शंकर राम, देवनारयण राम, विनोद राम, इनायतुल्ला, सलीम अंसारी, सदरे आलम सहित अन्य ने बताया कि नहर में पानी अबतक नहीं देखे हैं। किसानों ने नहर को सुदृढ़ करने की मांग की है।


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