ककवारा पंचायत के 80 फीसद लोग लालटेन युग में
बांकाल प्रखंड का ककवारा पंचायत इन दिनों बिजली विभाग के कोपभाजन का शिकार बना हुआ है।
बांकाल प्रखंड का ककवारा पंचायत इन दिनों बिजली विभाग के कोपभाजन का शिकार बना हुआ है। हाल यह हो गया कि पंचायत के लगभग अस्सी फिसदी हिस्से में आज भी लोग लालटेन युग में ही जी रहे है। ग्रामीणों ने संवेदक पर दोष लगाते हुए लापरवाही का आरोप लगाया है।
जानकारी हो कि बिजली विस्तार का कार्य टेक्नोफेब नामक कंपनी कर रही है। लेकिन कंपनी अपने समय पर कुछ भी नहीं कर पा रही है। ऐसे में ककवारा पंचायत का अधिकांश हिस्सा आज भी अंधेरे में है। वहीं कई गांव में कंपनी पोल तो लगा दिये है। लेकिन उप पर तार आज तक नहीं लगा है।
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दो दर्जन से अधिक गांव अब भी अंधेरे में
ककवारा पंचायत का कानीगढि़या, मोहरिया, मंगरा, सकरिया, कामरा, सन्हौला, भोलारायडीह, गोहकारा, विश्वाटांड़, ढोढरी, खमारी, कोरियंधा का इलाका अब भी बिजली की रोशनी से मरहूम है। ऐसे में अब ग्रामीणों ने सीधे तौर पर कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ग्रामीण पप्पू मंडल, श्याम यादव, नरेश यादव, रामचंद्र दास, जितेंद्र यादव, मोनू यादव, चंदन यादव, दीपक यादव, बासू यादव, प्रदीप यादव और मनोहर यादव ने एक स्वर में कहा कि अगर यहां पर बिजली आपूर्ति नहीं की जायेगी तो आंदोलन किया जायेगा। वहीं इस मामले में राजद युवा जिला उपाध्यक्ष सुनील कुमार यादव ने बताया कि कंपनी की मनमानी जारी है। जब भी इस सिलसिले में जीएम से बात की जाती है। तो कुछ दिन का टाइम लेते है। ऐसे में ग्रामीण अब एक जुट होने लगे है।
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क्या कहते है कार्यपालक अभियंता
कंपनी की लापरवाही है। लेकिन फिर भी विभाग सभी को जल्द से जल्द बिजली उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है।
गौरव पांडेय, कार्यपालक अभियंता, विद्युत विभाग, बांका।