महाराणा हाट बना खाद्यान्न कालाबाजारियों की मंडी
बांका। महाराणा हाट इन दिनों खाद्यान कालाबाजारियों की मंडी बन गई है।
बांका। महाराणा हाट इन दिनों खाद्यान कालाबाजारियों की मंडी बन गई है। जहां खुले आम कालाबाजारी के सरकारी खाद्यान्न की खरीद और बिक्री हो रही है।
प्रत्येक गुरुवार व रविवार को लगने वाले हाट में बडे़ पैमाने पर कालाबाजारी के सरकारी अनाज को व्यापारी अन्य जिलों व प्रांतों तक ले जाते है। इसमें खास कर स्कूली बच्चों के लिए सरकार द्वारा मुहैया करवाए जाने वाले एमडीएम का चावल शामिल है। ऐसा नहीं है कि विभाग इस बात से महरुम है। बल्कि अनाज की कालाबाजारी में संलिप्त जनवितरण प्रणाली के दुकानदार व खाद्यान्न माफिया पर विभाग पूरी तरह मेहरबान है।तभी तो सरकारी अनाज की कालाबाजारी करने वाले आज तक कानून के शिकंजे से बचते आ रहे है। इधर जविप्र के दुकानदार लाभुकों को खाद्यान्न के आवंटन नहीं आने या फिर स्टाक खत्म होने का बहाना बना कर उसे कालाबाजारियों व माफियाओं के हाथों बेच देते है। जिसे बेखौफ माफिया बाजारों तक पहुंचा कर उंची कीमतों पर उसकी बिक्री करते है। नतीजतन सरकारी अनाज को खुले बाजारों में बेचने वाले जविप्र के दुकानदार व माफियाओं का हौसला बुलंद है। वैसे दिखावे के तौर पर कई बार कई कालाबाजारी विभाग के हत्थे चढे हैं, मगर उनके विरुद्ध कार्रवाई ढाक के तीन पात साबित हुए है।
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मामले की जांच कर की जाएगी कार्रवाई
एएमओ ने कहा कि बाजारों में खुले आम हो रही सरकारी खाद्यान्न की बिक्री की जांच की जाएगी। जांच में अगर सरकारी अनाज की कालाबाजारी कर बेचने की बात सामने आई तो इस मामले में शामिल जविप्र के दुकानदार, माफिया व संबंधित संवेदक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।