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दीवार फांद स्कूल पहुंच रही छात्राएं

बांका। इसे विद्यालय की व्यवस्था का दोष कहे या फिर ब"ाों की शरारत।

By Edited By: Published: Fri, 26 Aug 2016 10:06 PM (IST)Updated: Fri, 26 Aug 2016 10:06 PM (IST)
दीवार फांद स्कूल पहुंच रही छात्राएं

बांका। इसे विद्यालय की व्यवस्था का दोष कहे या फिर बच्चों की शरारत। जी हां, यह दृश्य प्रखंड मुख्यालय परिसर स्थित मध्य विद्यालय की है। जब यहां पढ़ाई के दौरान मुख्य दरवाजे में ताला लगा दिया जाता है। यहां पढ़ने वाले बच्चे एवं बच्चियां मुख्य गेट पर लगे लोहे के फाटक को उपर से पार कर इसी तरह बाहर व अंदर जाते हैं। लेकिन यहां कार्यरत शिक्षकों को बच्चों की पढ़ाई से कोई लेना देना नहीं रह गया है। यदि गेट फांदने के दौरान एक बच्चा गिर जाए तो क्या होगा इसका हश्र, आप भी जानते हैं। शिक्षकों को बच्चों के इस शरारत से कोई मतलब नहीं है। इस विद्यालय में चार स्कूलों की पढ़ाई अलग-अलग कमरे में होती है। प्राथमिक विद्यालय बारकोप डेरू, एनपीएस यादव टोला घसिया शामिल है। एक साथ एक कैम्पस में चार-चार विद्यालय चलने के बावजूद यहां कार्यरत दर्जनों शिक्षकों में किसी को भी इन बच्चों से लेना देना नहीं है। यह स्थिति बनी रही तो किसी भी दिन बच्चे गिरकर जख्मी हो सकते हैं।


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