राजीव की हत्या के बाद उबले जनप्रतिनिधि
बांका। रालोसपा नेता सह पूर्व मुखिया राजीव भगत की सरेआम गोली मारकर हत्या के बाद स्थानीय पुलिस की कार्यप्रणाली पर अंगुली उठनी शुरू हो गई है।
बांका। रालोसपा नेता सह पूर्व मुखिया राजीव भगत की सरेआम गोली मारकर हत्या के बाद स्थानीय पुलिस की कार्यप्रणाली पर अंगुली उठनी शुरू हो गई है। इस घटना को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों एवं बुद्धिजीवियों में आक्रोश व्याप्त है।
भदरिया व आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2011 में राजीव के मुखिया पद पर निर्वाचित होने पर क्षेत्र के अपराधी काफी भयभीत रहते थे। अपने प्रभाव से हद तक अपराध पर अंकुश भी लगाने में सफल भी रहे थे। वही इस बार मुखिया पद आरक्षित होने पर भाभी शारदा देवी मुखिया पद के निर्वाचित हुई। बताया यह भी जा रहा है कि मौलानाचक गांव के बबलू ¨सह की हत्या के बाद वह अपराधियों के निशाने पर थे। हालांकि इस सब को लेकर वे अमरपुर बाजार में किराये के मकान में रहता था। और कभी कभी ही घर भदरिया गांव जाया करता था। वह भी किसी न किसी सहयोगी को साथ लेकर जाता था। लेकिन वह गढैल गांव से पंचायती कर बाइक से अकेले भदरिया जा रहा था। जहां रघुनाथपुर गांव के समीप अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर द। वहीं घटना को लेकर प्रमुख मंजू देवी, उप प्रमुख सुजाता वैद्य, जिप सदस्य कंचन दूबे आदि ने गहरा दुख: जताया है। उन्होंने अपराधियों की पहचान कर उसकी अविलंब गिरफ्तारी की मांग किया है। घटना को भदरिया सहित आसपास के गांवों में मातम का माहौल है।