जब कार्ड के लिए मारामारी तो राशन के लिए मर जाएगी 'बुधिया' बेचारी
बांका। घर चलाने के साथ ही राशन के जुगत की जिम्मेदारी भी अब आधी आबादी उठाएगी। जो राशन कार्ड के लिए आव
बांका। घर चलाने के साथ ही राशन के जुगत की जिम्मेदारी भी अब आधी आबादी उठाएगी। जो राशन कार्ड के लिए आवेदन से लेकर जन वितरण प्रणाली की दुकानों से खाद्यान्न का उठाव करेगी। सरकार के नए प्रावधानों के मुताबिक अब सिर्फ महिलाओं के नाम से ही राशन कार्ड बनेंगे। इसके लिए क्षेत्र में नए सिरे से राशन कार्ड जारी किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। जिसके लिए नियमों में की गयी तब्दीली ने क्षेत्र की महिलाओं को कतार में खड़ा कर दिया है।
राशन कार्ड बनवाने के लिए 11 जनवरी से ही अनुमंडल कार्यालय में आवेदन लिए जा रहे हैं। लेकिन यहां सभी प्रखंडों के आवेदन एक साथ एक ही काउंटर पर लिए जाने से यहां सुदूर ग्रामीण इलाकों से आवेदन करने पहुंची बुधिया देवी सहित कई महिलाएं पिछले पांच दिनों से अपने छोटे बच्चों को गोद में लिए कतार में खड़ी हैं। जबकि कईयों ने तो आवेदन जमा करने के लिए यहां अपना डेरा ही डाल रखा है।
केस स्टडी वन :
जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर बौंसी प्रखंड क्षेत्र के हनुमत्ता गांव से राशन कार्ड के लिए आवेदन करने पहुंची महिला आशा देवी ने बताया कि वो पिछले पांच दिनों से यहां अपना आवेदन करने आ रही है।
केस स्टडी टू :
रजौन प्रखंड के मधाय गांव से अपनी पत्नी का आवेदन जमा करने आए दीपक मंडल ने कहा कि वो भी पिछले तीन दिनों से अनुमंडल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं।
केस स्टडी थ्री :
रजौन प्रखंड क्षेत्र के सुजाल कोरामा एवं की सरिता देवी एवं क्रांति देवी ने कहा कि वो तीन दिन पहले ही यहां आवेदन करने आयी है। लेकिन घर दूर रहने की वजह से वो यहीं रुक कर अपनी बारी आने का इंतजार कर रही है।
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पहले आवासीय बनवाने का टेंशन :
राशन कार्ड के आवेदन से पूर्व उसमें आवश्यक आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भी लोग आरटीपीएस काउंटर पर लगने वाली लंबी कतारों में खड़े रहने का टेंशन झेल चुके हैं। इसके अलावा महिलाओं को अपना आधार कार्ड बनवाने एवं बैंक में खाता खुलवाने में भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा है।
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अब आवेदन जमा करने की जद्दोजहद :
राशन कार्ड में आवश्यक कागजातों को तैयार करने के बाद अब महिलाओं को अनुमंडल कार्यालय में अपने आवेदन जाम करने के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है। विभाग द्वारा आवेदन जमा करने के लिए प्रखंडवार रोस्टर तैयार नहीं किए जाने से एक साथ पूरे जिले की भीड़ अनुमंडल कार्यालय में बनाए गए एक मात्र काउंटर पर उमड़ पड़ी है। जिससे महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।