130 शिक्षकों पर लटकी बर्खास्तगी की तलवार
बांका। फर्जी शिक्षकों को पकड़ने के लिए जारी निगरानी जांच में फिर बांका के 130 शिक्षकों की गर्दन पर तल
बांका। फर्जी शिक्षकों को पकड़ने के लिए जारी निगरानी जांच में फिर बांका के 130 शिक्षकों की गर्दन पर तलवार लटक गई है। इस बार निगरानी फर्जी कागजात पकड़ने पर नहीं बल्कि, जांच के लिए अबतक अपना शैक्षणिक प्रमाण पत्र जमा नहीं करने वाले शिक्षकों के खिलाफ पहले कार्रवाई के मूड में है। इसके लिए निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पिछले साल से ही संबंधित नियोजन समिति को प्रमाण पत्र जमा करने का दबाव दे रहा है। लेकिन, साल भर से ऐसे 130 शिक्षक अपना प्रमाण पत्र जमा करने से भाग रहे हैं। वहीं उसका नियोजन समिति बहाली की मेधा सूची और आवेदन जमा करने में आनाकानी कर रही है।
नियोजन समिति की ढिलाई देख शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने सभी जिला से ऐसे शिक्षक और उनके नियोजन समिति का डिटेल बुधवार को पटना मांगा है। जिला निगरानी सेल में ऐसे शिक्षकों की सूची तैयार हो रही है। प्रधान सचिव ने ऐसे शिक्षकों को फर्जी मानते हुए इनकी बर्खास्तगी तक का आदेश जारी कर दिया है। इससे संबंधित शिक्षकों में हड़कंप मच गया है।
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फर्जी के डर से नहीं दे रहे प्रमाण पत्र
शिक्षा विभाग के सूत्रों का मानना है कि जिला में छह हजार से अधिक नियोजित शिक्षकों का प्रमाण पत्र निगरानी को जांच के लिए भेजा गया है। इसमें तीन दर्जन से अधिक शिक्षकों के फर्जी साबित होने पर उनकी सेवा समाप्त कर प्राथमिकी भी दर्ज कराई जा चुकी है। लेकिन, जो शिक्षक नौकरी में रहकर भी प्रमाण पत्र नहीं दे रहे हैं,निश्चित रूप से उनके फर्जी होने की संभावना है। पकड़ में आने के डर से वे इससे बचना चाह रहे हैं। यही हाल नियोजन समिति का भी है। वे बहाली में हेराफेरी के बाद कागजात के पकड़ में आने से बचने के लिए मेधा सूची देने को तैयार नहीं हैं। निश्चित रूप से विभाग ऐसे नियोजन समिति पर भी कार्रवाई करेगी।
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75 इस्तीफा वाले शिक्षक का भी प्रमाण पत्र नहीं
हाईकोर्ट के ऑफर पर जिला में इस्तीफा देने वाले 75 शिक्षकों का प्रमाण पत्र भी निगरानी को नहीं मिला है। निगरानी इस्तीफा के बाद भी जांच के लिए उनका प्रमाण पत्र मांग रही है। मालूम हो कि बांका प्रखंड की जांच में इस्तीफा वाले एक दर्जन शिक्षकों का प्रमाण पत्र भी फर्जी निकला था। लेकिन, निगरानी ने ऐसे शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई थी। मालूम हो कि फर्जी के इस्तीफा ऑफर पर जिला में 107 शिक्षकों ने अपनी नौकरी छोड़ दी थी। इसमें 75 का कागजात निगरानी को जांच के लिए नहीं मिला है।