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पशु रक्षक को सात महीने से वेतन नहीं

बांका। मतंगिया गांव निवासी वन विभाग के पशु रक्षक धनंजय यादव और सुगड्डो गांव के काली टुडू ने वनपाल सत

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Jun 2017 10:59 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jun 2017 10:59 PM (IST)
पशु रक्षक को सात महीने से वेतन नहीं
पशु रक्षक को सात महीने से वेतन नहीं

बांका। मतंगिया गांव निवासी वन विभाग के पशु रक्षक धनंजय यादव और सुगड्डो गांव के काली टुडू ने वनपाल सत्तन ठाकुर पर सात माह के वेतन भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया है। पशु रक्षक के अनुसार जनवरी 2016 से ही वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। सात माह के वेतन का भुगतान सादे कागज पर हस्ताक्षर लेकर किया गया। बांकी माह के वेतन का भुगतान यह कहकर नहीं किया गया कि तुम्हारे वन क्षेत्र में लगे पौधा नष्ट हो गया है और इसका जिम्मेवार तुम हो। वहीं सुगड्डो, जोहारघुटु एवं खोंटा के पास पड़ने वाले वन क्षेत्र की जमीन पर अर्जुन का पेड़ कटवा कर वनपाल ने स्थानीय लोगों से धान व मकई की खेती करवा दिया। जिसके बदले मोटी रकम वसूल की गई। पशु रक्षक की मानें तो वनपाल की मिलीभगत से वन क्षेत्र की संपदा धड़ल्ले से नष्ट हो रही है। जंगल बर्बाद करते मवेशी जब पकड़ा जाता है तो उसे भी कुछ न कुछ राशि लेकर छोड़ दिया जाता है। पिछले वर्ष पहली बार 108 मवेशी को वन संपदा को क्षति करते पकड़ा था। सभी मवेशी किसान से पैसे लेकर वन विभाग कार्यालय से छोड़ दिया गया। इधर वनपाल ने पशु रक्षक के सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने इसे निराधार बताते हुए बदनाम करने की साजिश बताया। उन्होंने बताया कि पशु रक्षक के बकाया वेतन की राशि भुगतान के लिए विभाग के पास कागजात भेजा गया है।


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