पौने तीन करोड़ से बना अस्पताल बेकार
बांका। धोरैया अस्पताल परिसर में दो करोड़ 77 लाख रुपये की लागत से निर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र
बांका। धोरैया अस्पताल परिसर में दो करोड़ 77 लाख रुपये की लागत से निर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। बताया जाता है कि दस अगस्त 2015 को विधायक मनीष कुमार ने इस भवन का उद्घाटन किया था। ताकि ढाई लाख की आबादी वाले इस क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ सुविधा का लाभ मिल सके। लेकिन संवेदक ने भवन निर्माण की गुणवत्ता खराब कर दी। नतीजा, भवन चिकित्सा सुविधा के नाम पर महज शोभा की वस्तु बनकर रह गया है। उद्घाटन के दो वर्ष बाद भी अस्पताल पुराने भवन में ही चल रहा है। भवन में फर्स की घिसाई का कार्य नहीं किया गया है। प्रसव कक्ष में छत से पानी टपकता है और शौचालय की सुविधा प्रसव कक्ष में नहीं है। ऐसे में नये भवन में प्रसव का कार्य शुरू करना बड़ी समस्या है।
इतना ही नहीं प्रसव कक्ष को नीचे एवं मरीज ठहरने की जगह उपर बना दी गई है। ओटी एवं ड्रे¨सग रूम नीचे रहने से मरीजों को उपरी तल पर ले जाने के लिए न तो रैम्प की सुविधा है और न लिफ्ट की। बिजली से संबंधित उपस्कर का भी कार्य अधूरा है। आनन-फानन में संवेदक ने भवन का उद्घाटन करा भवन हैंडओवर कर दिया। लेकिन सुविधा उपलब्ध नहीं रहने से पुराने भवन में वार्ड, प्रसव, ऑपरेशन हो रहा है। अस्पताल निरीक्षण को कई बार पहुंचे सिविल सर्जन डॉ. सुधीर महतो को भी स्थिति से अवगत करा दिया गया है। कई बार इसकी रिपोर्ट भेजने के बावजूद अबतक कोई कार्रवाई नहीं होने से पुराने ही भवन में जैसे-तैसे काम हो रहा है।
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क्या कहते हैं प्रभारी पदाधिकारी
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रंजन कुमार घोष ने बताया कि स्थिति से सीएस को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है। भवन निर्माण के बाद उसके रख-रखाव की जिम्मेदारी पांच वर्ष तक संवेदक की होती है। लेकिन दो वर्ष बीत जाने के बाद भी काम पूरा नहीं किया गया। ऐसे में नए भवन में काम मुश्किल है।