अब हल्दी की खेती कर किसान करेंगे बेटी के हाथ पीले
बांका। जिले में नकदी फसल मसाला की खेती को बढ़ावा देकर किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने की कवायद
बांका। जिले में नकदी फसल मसाला की खेती को बढ़ावा देकर किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने की कवायद शुरू हो गई है। इसमें हल्दी को सबसे उपर रखा है। इसकी खेती कर किसान अच्छी आमदनी कर बेटी के हाथ पीले कर सकेंगे। कृषि विज्ञान केंद्र ने जिले के 25 किसानों को समस्तीपुर पूसा में मसाला की खेती के लिए विशेष प्रशिक्षण दिलाया है। अब ये किसान हल्दी, मंगरैला, जमाईन, सौंप, अदरख, धनियां व मेथी आदि मसाला की खेती तकनीकी रूप से करेंगे। इससे किसानों को खेती से अधिक लाभ होगा।
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किसानों की राय
प्रशिक्षण प्राप्त कर लौटे किसान सियाराम महतो ने बताया कि हल्दी की खेती परंपरागत रूप से पूर्व में भी की जाती थी लेकिन अब वैज्ञानिक विधि से की जाएगी। भोला मंडल व मुकेश कुमार ने बताया कि यहां मंगरैला, अजवाइन व मेथी की भी खेती हो सकती है। वैज्ञानिकों से प्रशिक्षण मिलने के बाद पता चला कि यहां की मिट्टी में भी मसाला की बेहतर उपज हो सकती है।
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मसाला की खेती के लिए जिला उपयुक्त
केवीके समन्वयक डॉ. शारदा कुमारी ने बताया कि मसाला की खेती के लिए जिले की जलवायु उपयुक्त है। यहां उंची व पथरीली जमीन होने के कारण मसाले की खेती की संभावना अधिक है। केविके किसानों का समूह बनाकर इसकी खेती कराएगा। साथ ही बाजार की व्यवस्था भी मजबूत कर बिचौलियों की भूमिका को कम किया जाएगा।