ठंड : कांपते हाथों से नब्ज देखा चिकित्सक
बांका। गुरुवार को ठंड ने पिछले पांच साल का रिकार्ड तोड़ा है। कृषि विज्ञान केन्द्र की वैज्ञानिक डॉ. सु
बांका। गुरुवार को ठंड ने पिछले पांच साल का रिकार्ड तोड़ा है। कृषि विज्ञान केन्द्र की वैज्ञानिक डॉ. सुनीता कुशवाहा ने बताया कि गुरुवार को रिकार्ड तोड़ ठंड ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। इसका सीधा असर स्कूल से लेकर स्वास्थ्य केन्द्रों पर देखने को मिला। प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र में मरीजों की संख्या काफी कम दिखी। आउटडोर में ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक डॉ. प्रकाश कुमार एवं महिला चिकित्सक डॉ. ज्योति राजवार ने बताया कि पिछले चार-पांच दिनों से दिन भर में करीब एक सौ से सवा सौ तक ही मरीज अस्पताल आ रहे हैं। जबकि एक सप्ताह पूर्व प्रतिदिन ढाई सौ तक मरीज चिकित्सा के लिए आते थे। एकाएक ठंड के बढ़ जाने से मरीजों की संख्या में कमी आई है। वहीं, जो मरीज व डॉक्टर मिले वे ठंड से कांपते देखे गए।
चिकित्सकों की मानें तो ठंड के मौसम में बीमारी कम होती है। खासकर जितने भी मरीजों को देखा जा रहा है, उनमें अधिकांश सर्दी, खांसी, बुखार के अलावा दमा के मरीज आते हैं।
--------------------
गुरुवार को चिकित्सकों का रोस्टर
सुबह आठ से दो बजे तक
डॉ. मनेश कुमार पोद्दार एवं डॉ. ज्योति राजवार,
दोपहर दो बजे से रात दस बजे तक डॉ. प्रेमराज बहादुर
रात्रि दस बजे से सुबह आठ बजे तक डॉ. प्रकाश कुमार
------------------
क्या है दवा की व्यवस्था
पीएचसी के आइपीडी में 113 तरह की दवा की जगह 101 तरह की ही दवाएं तथा ओपीडी में 33 की दवा उपलब्ध है।
-----------------
कंबल की जगह मिली पतली चादर
फोटो: 08 बीएएन 05
संवाद सहयोगी, रजौन (बांका): कपकपी ठंड से जनजीवन परेशान है। गुरुवार को पीएचसी पहुंचने पर अंजू देवी व वीणा देवी अपने नवजात के साथ बेडपर ठंड से ठिठुर रही थी। पीएचसी की तरफ से एक पतली चादर ही ओढ़ने के लिए दिया गया। यही हाल अन्य मरीजों का था। इधर, पीएचसी प्रभारी डॉ. प्रेमशंकर ¨सह ने बताया कि जाड़े के समय में समुचित कंबल उपलब्ध है। मरीजों के द्वारा मांग करने पर कंबल दिया जाता है।