नियम की कौन पूछे, अधिकांश चालक ही बिना लाइसेंस
बांका। बांका की सड़कों पर अब भी अधिकांश नवसिखुआ ही वाहन हांक रहे हैं। इनके यातायात नियमों की जानकारी
बांका। बांका की सड़कों पर अब भी अधिकांश नवसिखुआ ही वाहन हांक रहे हैं। इनके यातायात नियमों की जानकारी कौन पूछे, अधिकांश चालक तो बिना ड्राई¨वग लाइसेंस ही सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं। इसमें केवल बाइक सवारों की तादाद ही शामिल नहीं है। बल्कि, बड़ी संख्या में ऑटो और सवारी वाहन भी इन्हीं नवसिखुओं के हाथ है। सबसे मुश्किल तब होती है जब ऐसे चालक बालू लदे ट्रैक्टर और जुगाड़ गाड़ी लेकर मुख्य बाजार में फर्राटा भरने लगते हैं। परिवहन विभाग के आंकड़े के मुताबिक जिला में अब तक 15 हजार से भी कम वाहन चालकों के पास लाइसेंस है। इसमें बाइक चलाने वाले भी शामिल हैं। जबकि, जिला भर में दो लाख से अधिक लोग कभी ना कभी कोई वाहन चलाते हैं। यानि बाइक या वाहन चलाने वालों में दस प्रतिशत के पास भी लाइसेंस नहीं है। वैसे पिछले छह महीने से बाइक की जांच पड़ताल तेज होने के बाद लाइसेंस बनवाने वालों की भीड़ कुछ अधिक हुई है।
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बिना वाहन देखे चारपहिया तक का लाइसेंस
बांका में अब तक वाहन लाइसेंस देने की प्रक्रिया में भी केवल खानापूरी होती रही है। दो साल पहले तक जिस व्यक्ति ने कभी वाहन छुआ तक नहीं वह भी चाहे तो चारपहिया वाहन चलाने का लाइसेंस हासिल कर लेता है। जिस 15 हजार लोगों को वाहन चलाने का लाइसेंस मिला, उसमें किसी ने इसकी ट्रे¨नग का संस्थान नहीं देखा। न ही जाकर वहां वाहन परिचालन सीखा। लेकिन, लाइसेंस बनाने में केवल दलालों की चलती के कारण लाइसेंस ले लिया।
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सड़कों पर ही वाहन पार्किंग
वाहन दुर्घटना के कारणों में से एक बांका शहर में वाहन पार्किंग की जगह निर्धारित नहीं होना है। शहर में बाहर से आने वाले वाहनों के लिए पार्किंग की कोई निर्धारित जगह नहीं है। आप सब्जी खरीदने से लेकर बाजार करने भी बांका आएं तो सड़क पर बाइक खड़ी कर दीजिए। आपको बोलने वाला कोई नहीं है। दोपहिया की कौन पूछे चारपहिया वाहन भी इसी अंदाज में सड़क पर खड़े किये जाते हैं। गांधी चौक से शिवाजी चौक, डोकानिया मार्केट सब जगह एक जैसी स्थिति है। ऐसे में सड़क संकरी होकर अक्सर खतरनाक हो जाती है। यह जाम का कारण भी बनता है।
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बालू लोड ट्रक से आधी सड़क जाम
नदियों से बालू उठाव का बड़ा कारोबार संचालित होने से बालू लोड बड़े वाहन भागलपुर शहर की नो इंट्री में बांका की सड़कों पर ही आराम फरमाते हैं। ऐसे में ककवारा, समुखिया, इंग्लिशमोड़ से अमरपुर, फिर कुल्हड़िया रतनगंज तक मुख्य सड़क पर ही सैकड़ों की संख्या में दिन भर ट्रक खड़े हो जाते हैं। बालू के पानी से सड़कें तो खराब होती ही है, सड़क संकरी होने पर अक्सर दुर्घटना का भी कारण बनती है।