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कर्म ही मानव जीवन का सच्चा धर्म

बांका। भरको दुर्गा मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन श्रोताओं

By Edited By: Published: Wed, 16 Nov 2016 09:53 PM (IST)Updated: Wed, 16 Nov 2016 09:53 PM (IST)
कर्म ही मानव जीवन का सच्चा धर्म

बांका। भरको दुर्गा मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन श्रोताओं की भीड़ उमड़ पड़ी। जिसमें भरको, रामपुर, सादपुर, बाजा आदि गांवों के स्त्री पुरूष भागवत कथा का श्रवण कर रहें है। कथावाचक सत्यप्रकाश जी महाराज ने भागवत का सार सुनाते हुए कहा कि भा मतलब भाग या अंश, ग का मतलब ज्ञान, व का मतलब वात्सल्य तथा त का मतलब त्याग से जुड़ा है। भागवत के चार कोनों का वर्णन करते हुए कहा कि भागवत कथा क्षमता, समता, सभ्यता तथा क्षमाशीलता का बोध कराता है। जिस भी मानव के पास ये चारों चीज मौजूद है वही मानव विशेष कहलाता है। मानव का सच्चा धर्म कर्म होता है। कर्म से मानव लक्ष्य को प्राप्त किया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मनुष्य को भक्त प्रह्लाद, ध्रुव आदि के जीवन चरित्र से सीख लेनी चाहिए। जो तमाम कठिनाई एवं परेशानी के बावजूद भगवान को याद करते रहे। उन्होंने कहा कि कलयुग में मनुष्य को अपने व्यस्तम जीवन में एक क्षण भी प्रभु के स्मरण में जरूर लगाना चाहिए। इस मौके पर भगवान कृष्ण एवं राधा की आकर्षक झांकी प्रस्तुत की गयी। जिसमें रानी देवी, ¨पकी कुमारी, गोपी कुमार, आशीष कुमार, राजा साह, सुनीता कुमारी ने भूमिका निभाई। इस मौके पर आयोजक रंजीत पोद्दार, संजीव कुमार यादव, अनिल कुमार, नीरज कुमार चौधरी, मुकेश चौधरी, सिकन्दर यादव, राजेश ठाकुर, शिवेन्द्र साह, नवल किशोर ठाकुर, शास्त्री मंड़ल, इन्दु भाषण मंडल आदि मौजूद हैं।


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