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मूल्यांकन में फंसी बच्चों की नैया

बांका। सरकारी विद्यालयों में चार साल के बाद इस बार पहली से आठवीं तक के बच्चों की परीक्षा हुई। इसका म

By Edited By: Published: Wed, 16 Nov 2016 09:16 PM (IST)Updated: Wed, 16 Nov 2016 09:16 PM (IST)
मूल्यांकन में फंसी बच्चों की नैया

बांका। सरकारी विद्यालयों में चार साल के बाद इस बार पहली से आठवीं तक के बच्चों की परीक्षा हुई। इसका मूल्यांकन कार्य जिला के डेढ़ सौ से अधिक संकुल संसाधन केंद्र पर चल रहा है। अब इसकी कॉपी का मूल्यांकन संकुल के ही दूसरे विद्यालय के शिक्षक कर रहे हैं। ऐसे में अधिकांश बच्चों की किस्मत फंस रही है। पिछले चार साल से परीक्षा की लत छूट जाने के कारण उनके पढ़ाई का स्तर काफी नीचे हो गया है।

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बुधवार को सर्वशिक्षा के संभाग प्रभारी सर्वेश कुमार और उपेंद्र कुमार ने छत्रपाल में चल रहे मूल्यांकन कार्य का जायजा लिया। संकुल समन्वयक ब्रजमोहन मंडल ने बताया कि इस मूल्यांकन के बाद किसी बच्चे को अनुत्तीर्ण नहीं होना है। उन्हें परीक्षा में ग्रे¨डग दी जाएगी। समारोह आयोजित कर बच्चों और अभिभावकों को इसका रिजल्ट दिया जाएगा। मूल्यांकन कार्य में नियोजित शिक्षक संघ के अध्यक्ष राजेश कुमार ¨सह, राकेश कुमार, रघुवीर कुमार, कुंदन कुमार ¨सह, रघु दास, हरि किशोर यादव, सुनीता कुमारी, चंदा कुमारी आदि भाग ले रही हैं। संकुल के सभी विद्यालयों के बच्चों की उत्तरपुस्तिका का यहां मूल्यांकन हो रहा है।


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