नो इंट्री में बड़े वाहनों की हो रही इंट्री
बांका। शहर में यातायात नियमों के पालन के नाम पर बस कागजी बात हो रही है। यहां नो इंट्री के समय बड़े वा
बांका। शहर में यातायात नियमों के पालन के नाम पर बस कागजी बात हो रही है। यहां नो इंट्री के समय बड़े वाहनों के प्रवेश से पूरा शहर अस्त-व्यस्त हो रहा है। सुबह छह बजे के बाद बड़े वाहनों की आवाजाही के कारण सबसे अधिक स्कूली बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। यह समय छात्रों के लिए विद्यालय और ट्यूशन जाने का होता है। इस दौरान शहर की सड़कों पर तेज रफ्तार बड़े वाहनों से कभी भी बड़ी दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। इससे छात्र एवं अभिभावकों में डर का माहौल बना रहता है। वाहन दुर्घटना के आंकड़ों को भी देखें तो पिछले एक माह में बांका-कटोरिया रोड, बांका-अमरपुर रोड, बांका-भागलपुर रोड में पांच से अधिक सड़क दुर्घटना हो चुकी है। जिसमें आठ मौतें व दर्जनों लोग घायल हुए हैं।
मालूम हो कि इन सभी दुर्घटनाओं में ट्रक, ट्रैक्टर व हाइवा शामिल है। शहर के बाहर अनियंत्रित वाहनें जिस तरह से लोगों की जिदंगी को सड़क पर रौंद रही है। इसे देखकर लोगों की रूह कांप रही है। लेकिन नो इंट्री में मालवाहक वाहनों के शहर में प्रवेश पर रोक लगाने में प्रशासन कुछ खास नहीं कर पा रहा है। चैम्बर अध्यक्ष सच्चितानंद तिवारी की मानें तो पुलिस के इशारे पर साढ़े आठ बजे से ही गाड़ियों का चलना शुरु हो जाता है।
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ये हैं नो इंट्री नियम
शहर में सुबह छह बजे से रात्रि नौ बजे तक सभी मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध है। नो इंट्री में कटोरिया रोड की ओर से आनेवाली वाहनों का पीबीएस कॉलेज के पास, अमरपुर रोड से आनेवाली वाहनों को गरनियां और भागलपुर रोड से आनेवाली मालवाहक वाहनों को शंकरपुर के पास ही रूकने का नियम है। इसमें मालवाहक ट्रक, हाइवा, ट्रैक्टर, 407, 207 आदि वाहनें शामिल है।
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क्या कहते हैं यातायात प्रभारी
यातायात नियमों के पालन के लिए शहर के गांधी चौंक, ब्लॉक गेट, शिवाजी चौंक, विजय नगर चौंक आदि मुख्य स्थानों पर पुलिस लगाया गया है। नो इंट्री में प्रवेश करने पर किसी भी मालवाहक वाहनों को बख्शा नहीं जा रहा। उसका चालान कर दिया जाता है। ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले वाहनों को डीटीओ या संबंधित पदाधिकारी दंडित करते हैं।