पानी के अभाव में जमीन में नहीं है नमी
बांका। महाराणा गांव के बहियार का खरीफ फसल ¨सचाई के अभाव में बर्बाद हो गया है। इससे किसानों की स्थिति
बांका। महाराणा गांव के बहियार का खरीफ फसल ¨सचाई के अभाव में बर्बाद हो गया है। इससे किसानों की स्थिति काफी दयनीय है। महाराणा अल्पसंख्यक बहुल गांव के तिलारु बैयहार, बगडुम्बा बैयहार, भोड़सार, जोर और कामन्दो बहियार 500 एकड़ से अधिक रकवा में धान की उन्नत खेती होती है। लेकिन इस वर्ष फसल उत्पादन के अंतिम समय वर्षा का अभाव हो जाने से 60 फीसदी किसानों का धान मर गया। महाराणाहाट के समीप एक निजी बड़ा बांध तालाब है । जो पानी से भरा नहीं रहने से ¨सचाई का घोर अभाव हो गया। चांदन शहर के जीरो चैन से प्रखंड मुख्यालय की ओर निकला भिलेज केनाल से जहां सिचाई सुविधा नदारत है। वहीं चांदन डैम के चिहार वितरणी से उच्च स्तरीय नहर से पानी आने नहीं दिया जाता है । 20 फूट के ¨सचाई कूप गांव के पूर्व मुखिया तसलीम अहमद , मो सहादत हुसैन और मो इकबाल हुसैन की है । जिसमें सिल्ट इतना भर गया है कि ¨सचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है। इस गांव के किसान सहादत का कहना है कि किसान को सरकार की ओर से ¨सचाई की सुविधा के लिए कोई पहल नहीं की जाती है। वहीं खरीफ के बाद रबी फसल के लिए गेहूं की खेती एक चुटकी भर नहीं होगी । क्योंकि तालाब, कुआं सूख चले हैं। खेत में नमी भी नहीं है। जिससे छिड़कावा फसलों में चना, मसूर आदि की खेती नाउम्मीद है। बीएओ ने बताया है कि पटवन के लिए रजिस्टर्ड किसानों के सीधे खाते में डिजल अनुदान की राशि चली जाएगी ।