सियासत से आस्था के मोड में आया बांका
बांका। मंगलवार को सुबह की किरणों के साथ ही बांका की फिजां में भी एकाएक बदलाव दिखा। दोपहर होते-होत
बांका। मंगलवार को सुबह की किरणों के साथ ही बांका की फिजां में भी
एकाएक बदलाव दिखा। दोपहर होते-होते बांका पर पिछले दो महीने से चढ़ा सियासी रंग एकाएक उतर गया। दोपहर बाद हर जगह लोग पूजा पाठ में रम गये। शहर में या देवी सर्वभूतेषू शक्ति
रूपेण संस्थिता और नमो दैव्यं का मंत्र गूंजने लगा। शाम के वक्त लोगों की बाजार में खरीदारी के लिए भी काफी भीड़ उमड़ी रही। देर रात तक शहर की रौनक बनी रही। डोकानियां मार्केट से शिवाजी चौक और गांधी चौक तक काफी भीड़ भाड़ रही। दरअसल, दशहरा को लेकर दो-तीन पूर्व ही लोग
सामानों की खरीददारी करते हैं। इस बार अंतिम चार दिन विधानसभा चुनाव को लेकर सबकुछ ठप रहा। सोमवार शाम को मतदान समाप्त होने तथा
मंगलवार को अधिकांश केंद्रीय बल के विदा होने के बाद आम लोग दोपहर बाद शहर में निकले। उनके पास सारी खरीदारी के लिए केवल एक दिन का वक्त था। इसी दिन ही पूजा की तैयारी के साथ सभी पूजन सामग्री की खरीदारी पूरी करने का मौका था। शहर में बढ़ी रौनक के बीच सबसे अधिक भीड़ फल और कपड़े दुकानों में दिखी। इसका बाजार लगातार गर्म रहेगा। इसके अलावा मिठाई आदि की बिक्री भी तेज हो गयी है।
गंगा स्नान को रवाना हुए हजारों श्रद्धालु
बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए भागलपुर और सुल्तानगंज रवाना हुए। इसको लेकर अधिकांश सड़कें
गुलजार रही। यात्री वाहनों के अकाल के बावजूद ऑटो और छोटे वाहनों से लोगों ने खूब यात्रा की।