अफवाह ने किया लोगों को 'राखी' फेंकने को मजबूर
बांका। यूं तो विभिन्न विपत्ति व बाधाओं से रक्षा के लिए बहना भाईयों की कलाई पर राखी को रक्षा-सूत्र क
बांका। यूं तो विभिन्न विपत्ति व बाधाओं से रक्षा के लिए बहना भाईयों की कलाई पर राखी को रक्षा-सूत्र के रूप में बाधती है। लेकिन अफवाहें इतनी तेजी से फैली की लोग रक्षा-सूत्र रूपी राखी को ही भक्षक मानने लगे और इसे हाथ से खोलकर जल्दी फेंकने के लिए बेचैन हो गये। शनिवार की देर रात्रि गाव से लेकर बाजार तक यह अफवाह फैल गयी कि हाथ में राखी बाधने वाले लोग तेजी से मर रहे हैं। उस गाव में पाच लोग मर गये, तो कहीं दस लोगों के मरने की अफवाहें फैलायी गयी। कहीं-कहीं पाच बहनों के बेहोश होने की खबर भी उड़ायी गयी। अफवाह की आग पर मोबाइल ने पेट्रोल छिड़कने का काम किया। बिना सच्चाई जाने सभी लोग अपने शुभचिंतकों व रिश्तेदारों को रात में फोन कर-करके हाथ से राखी खोल कर फेंकने की नसीहत देने लगे। कावरिया पथ में धर्मशाला व दुकानों में सोए कावरियों ने भी एक-दूसरे को जगा कर राखी की डोर को तोड़ने में मदद करने लगे। आज के वैज्ञानिक युग में इस तरह की अफवाहें फैलना-फैलाना और बेतुकी बातों पर थोड़ा भी विश्वास करना बडी ही चिंता का विषय है।