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वृक्ष को माना भाई, फिर जिन्दगी भर नहीं काटने की खायी शपथ

बांका। प्रखंड क्षेत्र के मोहनपुर एवं ढोढरी वन समिति क्षेत्र में दो दिवसीय रक्षाबंधन कार्यक्रम हर्षोल

By Edited By: Published: Sun, 30 Aug 2015 09:44 PM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2015 09:44 PM (IST)
वृक्ष को माना भाई, फिर जिन्दगी भर नहीं काटने की खायी शपथ

बांका। प्रखंड क्षेत्र के मोहनपुर एवं ढोढरी वन समिति क्षेत्र में दो दिवसीय रक्षाबंधन कार्यक्रम हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हो गया। कार्यक्रम के पहले दिन वनदेवियों की प्रेरणा पर आम महिलाओं ने सखुआ एवं केन के वृक्षों को राखी बाध कर भाई मानते हुए जीवनकाल तक सुरक्षा करने की कसम खाई। जबकि दूसरे दिन वन देवियों ने उक्त वृक्षों को अपने जीवनकाल तक सुरक्षित रखने में अपनी जान कुर्बान करने की शपथ खाई। उक्त कार्यक्रम के दौरान स्थानीय महिलाओं सहित वन रक्षागश्ती दल की वन देवियों ने करीब दो हजार सखुआ एवं केन के वृक्षों में राखी बाध कर अपना भाई बनाया एवं सुरक्षा की जिम्मेदारी ली। इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत ढोढ़री वन समिति के अध्यक्ष चन्द्रदेव यादव ने की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज तक बहना भाई की कलाई में राखी बाधती आई है और भाई बहन की सुरक्षा का विश्वास देता आया है । वहीं आज ढोढ़री एवं मोहनपुर वन समिति की वन रक्षागस्ती दल की बहना सखुआ एवं केन के वृक्षों को अपना भाई मान कर और उसकी सुरक्षा की कसम भी खाएंगी। उनके अनुसार इन वन देवियों की प्रेरणा से हमारी ग्रामीण बहना भी जंगल क्षेत्र के सखुआ एवं केन के वृक्षों को राखी बाधेगी। जबकि उत्तरी कोझी पंचायत के पंचायत सदस्य कामेश्वर साह ने कहा वनों की सुरक्षा से बड़ी कोई सेवा नहीं। उन्होंने ने वृक्ष को भाई मान कर एवं जी जान से सुरक्षा करने की कसम खाने को एक अनूठा एवं प्रेरक शुरुआत करने के लिए वनदेवियों सहित स्थानीय महिलाओं को धन्यवाद दिया। वहीं गस्ती दल की कमाडर शकुन्तला देवी ने कहा जिन वृक्षों को हम राखी बाध कर अपना भाई बना लिया तो उन वृक्षों को हमारे जीते जी कोई काट नहीं सकते ।

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विदित हो कि ढोढ़री एमोहनपुर एवं मंझली वन समिति की महिला गस्ती दल में कुल 53सदस्य हैं और सभी सदस्यों ने 50-50वृक्षों को राखी बाध कर अपना भाई बनाया है ।

महिला गस्ती दल में ललिता देवी , प्रेमा देवी, लोगो देवी, गायत्री देवी, सुनीता देवी , अंजू देवी, सबिता देवी , सिंधु देवी , माया देवी, देव्या देवी , शाति देवी, सीता देवी , हेमा देवी , मलिया देवी सहित आदि थीं । कार्यक्त्रम को सफल बनाने में विजय कुमार, शीलधर यादव, मालो यादव , चन्दन कुमार एवं अन्य ने सक्रिय भूमिका निभाई ।


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