नये-पुराने कांवरिया पथ विवाद को लेकर अनशन का निर्णय
बांका। वर्षो से विवादों के घेरे में चल रहा जिलेबिया मोड़ का नया -पुराना कावरिया पथ का विवाद अब और गहर
बांका। वर्षो से विवादों के घेरे में चल रहा जिलेबिया मोड़ का नया -पुराना कावरिया पथ का विवाद अब और गहराने लगा है। श्रावणी मेला के दो दिन बीत जाने के बाद भी कावरिया पुराने पथ से नहीं गुजरे और प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाने से नाराज पुराने पथ के दुकानदारों, धर्मशाला मालिकों एवं सेवा शिविर के संचालकों ने मजबूर होकर आमरण अनशन पर बैठने का फैसला ले लिया। इससे संबंधित आवेदन बीडीओ को दिया गया है। आवेदक द्वारा कुछ लोगों के उपर
कावरियों को पुराने रास्ते पर नहीं चलने देने का भी आरोप लगाया है। जिसकी प्रतिलिपी पूर्व सासद पुतुल सिंह, थानाध्यक्ष सहित अन्य को दिया है।
दिनेश सिंह, महेन्द्र पंडित, शेखर
सुमन, श्यामानंद पंडित, मदन पंडित, शालिग्राम साह, नंदलाल कुमार, विश्वनाथ भगत, पिंटू साह, शत्रुघ्न वर्णवाल, रंजीत कुमार गुप्ता, शकर गुप्ता, प्रेमकुमार गुप्ता, दीपक कुमार, तेजनारायण साह आदि ने कहा है कि पुराने पथ मे पूर्णिया, लालबाबा और अन्नपूर्णा धर्मशाला के साथ
साथ सिक्किम बोलबंम सेवा समिति का भी सेवा शिविर है। वहीं इस मार्ग में बिहार सहित
अन्य प्रात के बड़े -बड़े दुकानदारों द्वारा लाखों की लागत से होटल तैयार किया है। जिसमें सैंकड़ों मजदूर काम करते है। नये कावरिया पथ में कुछ लोगों द्वारा जबरन कावरिया को चलाया जा रहा है। इस हाल में इन बेहतरीन व्यवस्था वाले धर्मशाला की रौनक फीकी हो ही रही है। इस कारण हम सभी लोग मिलकर जिलेबिया मोड़ सरकारी धर्मशाला के पास आमरण- अनशन पर तबतक बैठे रहेंगे जबतक कावरिया पुराने पथ पर
नहीं चलेंगे। इधर, बीडीओ चीरंजीव पाडेय ने बताया कि इसकी जानकारी वरीय पदाधिकारी को दे दी गयी है।