लीड बनाएं- बौंसी में कायम है अंधविश्वास का आतंक
बांका। प्रखंड में शिक्षा का अभाव है। इस कारण अंधविश्वास का आतंक कम नहीं हो रहा है। बराबर इस क्षेत
बांका। प्रखंड में शिक्षा का अभाव है। इस कारण अंधविश्वास का आतंक कम नहीं हो रहा है।
बराबर इस क्षेत्र में ऐसी घटनाएं घट रही है। जिसे रोक पाना पुलिस के लिए भी किसी चुनौती से कम नहीं है।
ताजा मामला थाना क्षेत्र के द्वारबे गाव की है। जहां डायन के आरोप में वृद्ध दंपती को गोलियों से भून डाला गया।
इस तरह की घटना प्राय: गरीब पिछड़ा, आदिवासी जनजाति, अनुसूचित जनजाति और दलित परिवार में अधिक हो रही है।
ज्ञात हो कि द्वारवे गाव में चार माह पूर्व एक महिला आग से जली थी। इलाज के क्रम में उसने दम तोड़ दी थी। इससे नाराज गाव के विशेश्वर यादव ने अपनी पत्नी की मौत के विरोध में वृद्ध दंपत्ती की हत्या कर दी।
वैसे डायन प्रताड़ना की घटना प्रखंड में कोई नयी बात नहीं है।
मां-बेटी को सरेआम गर्म सलाखों से दागा गया था
छह माह पूर्व सागा पंचायत के पथरिया गाव के ही दबंगों ने पत्नी की बीमारी का आरोप लगाकर सरेआम बाल पकड़कर एक आदिवासी मां-बेटी को घसीटने का काम किया था। इतना ही नहीं गर्म सलाखों से दागा गया था। जिसमें लाल किस्कु, जेठा सोरेन सहित अन्य तीन की गिरफ्तारी भी हुई है। इसके पूर्व कोलझारा गाव के बैजू राम की वृद्ध मा को गाव के दबंगों ने घर में बीमारी होने की बात पर मैला घोल कर पिलाया था।
श्यामबाजार में एक महिला को पिलाया गया था मैला
श्यामबाजार के रामविलास पंडित की वृद्ध मा एवं बहन साधु देवी को पड़ोसी ने ही बीमार होने की बात कह कर मैला पिलाने का प्रयास किया था। वहीं बाल पकड़ कर सरेआम घसीटते हुए मारपीट की थी। यह अलग बात है कि बाद में काफी आरजू विनती के बाद मामले को रफा दफा किया गया था। वहीं ललमटिया गाव में तीन बच्चे की मां संजू देवी विक्षिप्त है। लेकिन उसका इलाज के बजाय झाड़ फूंक किया जाता है।