सोहराब हत्याकांड में पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में
बांका। थाना क्षेत्र के गढ़ैल गाव में सुल्तानपुर गाव के मुसोहराब हत्या के मामले में स्थानीय पुलिस की
बांका। थाना क्षेत्र के गढ़ैल गाव में सुल्तानपुर गाव के मुसोहराब हत्या के मामले में स्थानीय पुलिस की भी भूमिका संदेह के घेरे में है। मामला दो समुदाय के बीच फंसे होने की वजह से आनन फानन में जिस तरह पुलिस ने मृतक के भाई के लिखित आवेदन पर गृहस्वामी महेश हरिजन एवं उसके दोनों पुत्र चन्द्रशेखर हरिजन व पंकज हरिजन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इससे पुलिस के कार्यो पर सवाल उठने लगा है।
ज्ञात हो कि रविवार की देर रात सुल्तानपुर गाव के मु. सोहराब को गढ़ैल गाव में चोरी के आरोप में ग्रामीणों ने पीटकर हत्या कर दिया था। वहीं घटना की खबर पाकर मौके पर घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर गृहस्वामी महेश हरिजन एवं उसके दोनों पुत्र को हिरासत में ले लिया था । इधर, गढ़ैल गाव के ग्रामीणों ने बताया कि मृतक के भाई के द्वारा गढी झूठी कहानी पर तीनों को जेल भेजा गया है।
वहीं इस घटना के पीछे कई अनसुलझे सवाल फिजा में तैर रही है। आखिर मृतक देर रात्रि गढ़ैल गाव क्यों गया था? और किस मकसद से महेश हरिजन के घर गया? क्या इन अनसुलझे सवालों को पुलिस सुलझा पायेगी। यह चर्चा का विषय बना हुआ है। गढ़ैल एवं सुल्तानपुर मोड़ के कुछ लोगों ने बताया कि महेश हरिजन के चचेरे भाई अनिल एवं नरेश हरिजन का नाश्ता एवं चाय पान की दुकान है। जहां महेश हरिजन के परिवार के महिला सदस्यों का आना जाना लगा रहता था। हलाकि इस घटना के नामजद अभियुक्त महेश हरिजन की पत्नी मीना देवी की मानें तो मृतक अन्य दो सहयोगियों के साथ चोरी करने की नीयत से घर में घुसा था। जिसे ग्रामीणों द्वारा पिटाई करने से उसकी मौत हो गई। वहीं थानाध्यक्ष परीक्षित पासवान ने बताया कि घटना की प्राथमिकी मृतक के भाई के लिखित आवेदन पर दर्ज की गई है। पुलिस घटना की सत्यता की जाच में जुटी हुई है।