एमडीएम की अनदेखी से ग्रमीणों में रोष
बांका। प्रोन्नत मध्य विद्यालय खड़ौआ में प्रधानाध्यापक द्वारा एम डीएम में मीनू एवं भोजन की गुणवत्ता की
बांका। प्रोन्नत मध्य विद्यालय खड़ौआ में प्रधानाध्यापक द्वारा एम डीएम में मीनू एवं भोजन की गुणवत्ता की लगातार अनदेखी से ग्रामीणों में आक्त्रोश बढ़ता जा रहा है। वहीं छात्र भी विद्यालय आने से कतराने लगे हैं । मंगलवार को जागरण ने जब इसकी पड़ताल की तब मामला सामने आया।
प्रधानाध्यापक अमिताभ कुमार द्वारा बनाये जा रहे एमडीएम की सच्चाई से ग्रामीण भी दंग रह गए । उक्त विद्यालय में चावल एवं दाल किसी तराजू से नहीं बल्कि एक छोटे से गिलास से तौल कर रसोईया को भोजन बनाने के लिए दिया जाता है । विद्यालय में सरकार द्वारा प्रति बच्चे निर्धारित मात्रा को ठेंगा दिखाते हुए अपने मन से चावल एवं दाल की मात्रा प्रधानाध्यापक खुद तय करते हैं । उपस्थित 225 छात्र-छात्राओं के लिए 80 गिलास चावल एवं 11 गिलास दाल बनाया गया। तीन बाल्टी आलू के साथ एक किलो ग्राम सोयाबीन दिया गया। 225 छात्रों की सब्जी को स्वादिष्ट बनाने के लिए 250 ग्राम सरसों तेल के साथ
एक सौ ग्राम पीसा मसाला था।
प्रभारी के अनुसार सरकारी मीनू के हिसाब से सादा चावल की जगह फ्राई राइस बनाने के लिए रसोईया को विशेष रूप से पचास ग्राम सिर्फ जीरा ही दिया गया । रसोईया के अनुसार विद्यालय के मापक गिलास में डेढ़ सौ ग्राम चावल एवं पौने दो सौ ग्राम दाल से अधिक नहीं हो सकता है। जबकि एक बाल्टी में पाच किलो से अधिक आलू नहीं हो सकता । इस हिसाब से दो सौ पच्चीस छात्र -छात्राओं के लिए बारह से पन्द्रह किलो चावल , दो से सवा दो किलो दाल एवं पन्द्रह किलो आलू खर्च किया जाता है ।
यहा कार्यरत रसोईया भी विगत तीन वषरें से अपने मानदेय के लिए तरस रही है । जानकारी के अनुसार रसोईया सुनीता देवी, शीला एवं सुभद्रा देवी को मानदेय नहीं मिल रहा है।