नदी की धार में बहा बिजली का पोल, नौ गावों में छाया अंधेरा
बांका। चीर नदी में चार दिन पूर्व आये पानी की तेज धार में पोल व तार बह गया। इससे नदी के उसपार में पंज
बांका। चीर नदी में चार दिन पूर्व आये पानी की तेज धार में पोल व तार बह गया। इससे नदी के उसपार में पंजवारा के समीपवर्ती क्षेत्र में बसे नौ दस
गावों की आबादी अंधेरे में डूब गई है। नदी के तटवर्ती गाव गोविंदपुर, कुम्हराडीह, मोहानी, बेलटीकरी, चंडीडीह, नगरी, नया नगरी, माराटीकर सहित उसपार के गाव सिरादै, डोंकी, पासो आदि में बीते शनिवार से अंधकार का आलम छाया हुआ है।
इस संबंध में ग्रामीण डॉ नागेन्द्र बगवै, रविशकर बगवै, नारायण बगवै, हरेकृष्ण कुशवाहा, मुस्तफा अंसारी, सुलेमान अंसारी, दीपक मंडल, नंदकिशोर माझी, महेन्द्र पासवान, जगदीश मंडल, आदि दर्जनों अन्य ने बताया कि चार दिन बीत जाने के बावजूद
बिजली करने की दिशा में कोई पहल विभाग द्वारा शुरू नहीं की जा सकी है। जबकि इसकी लिखित जानकारी से विभागीय पदाधिकारी को अवगत करा दिया है। इनलोगों का कहना है कि नदी पार के गावों में बिजली बहाल करने
के लिए कचमचिया गाव के पास से बीच नदी में सीमेंट का पोल गाड़कर तार पार किया गया है। बरसात के दिनों में जब जब नदी में पानी की तेज धार प्रवाह आता है, तब तब बालू पर गड़ा पोल और उसमें टंगा तार गिरकर बह जाता है। फिर कई कई दिनों तक अंधकार में ही जीने की विवशता
गाव वासियों की मजबूरी हो जाती है। वषरें बीतने के बावजूद इसके समाधान से विभाग सबकुछ जानने के उदासीन बना रहता है।
इस संबंध में विभागीय जेई फतिंगन का कहना है कि नदी की चौड़ाई अधिक रहने के कारण बिना बीच में पोल दिए उसपार तार ले जाना मुश्किल है। नदी में अभी पानी है। पानी घटने के बाद दो चार दिनों बिजली बहाली के लिए काम लगाया जाएगा।