बच्चों को टेंशन: विद्यालय जाते नहीं उठा रहे वेतन
बिभांशु शेखर, बांका: शिक्षा विभाग शिक्षा माफिया का ही शिकार होकर रह गया है। जहां वर्षो से सैकड़ों फर्
बिभांशु शेखर, बांका: शिक्षा विभाग शिक्षा माफिया का ही शिकार होकर रह गया है। जहां वर्षो से सैकड़ों फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल शिक्षक सरकार को जमकर चूना लगा रहे हैं। वहीं दबंग शिक्षक भी शिक्षा शब्द को अपने दहशत तले कुचल रहे हैं। कुछ तो नक्सली के नाम पर स्कूल जाते ही नहीं है। घर में रजिस्टर रखकर हाजिरी बनाई जा रही है।
जी हां, जिले में कई ऐसे विद्यालय हैं, जहां कुछ शिक्षकों का व्यक्तिगत कानून लागू है। जिसकी वजह से वे स्कूल आए न आए उनकी पंजी में उपस्थिति दर्ज हो जाती है। फलस्वरुप वे विद्यालय में ड्यूटी पूरा नहीं करने के बावजूद महीने का वेतन लेने के हकदार हो जाते हैं।
दरअसल, विद्यालय में शिक्षकों की अनुपस्थित रहने का मामला वर्षो से है। जिन शिक्षकों का पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक व संवेदक या जिनके घर में जनप्रतिनिधि हैं। वैसे परिवार के शिक्षक अपनी मनमर्जी खूब हांकते हैं। शहर में ही एक ऐसा विद्यालय है, जहां की शिक्षिका को बच्चों ने कभी नहीं देखा है। वे विद्यालय प्रभारी सहित उच्च स्तरीय अधिकारी की मदद से उपस्थित पंजी अपने हक में करा लेती है। इसके लिए कुछ तय राशि फिक्स भी है। अन्य शिक्षकों को इससे एतराज है, परंतु वे करे भी तो क्या करे ्? जब उपर वाला ही उसके साथ है। ऐसे ही कई ऐसे शिक्षक भी हैं, जो विद्यालय से गैर हाजिर होकर संवेदक का कार्य कर रहे हैं। वे खुलेआम बड़े शान से घुमते हैं। ऐसे शिक्षकों की संख्या पूरे जिले में सौ से भी कहीं ज्यादा है। सुदूर गांव में स्थापित विद्यालय की स्थिति और भी दयनीय है। खासकर जो पंचायत शिक्षक के रुप में बहाल हुए हैं, उनकी खुद की तानाशाह अब तक काबिज है। कुल मिलाकर विभाग का लाखों रुपए ऐसे शिक्षकों के नाम पर पानी में बह रहा है। वहीं जब कभी जांच या निरीक्षण की बात सूचना होती है ऐसे शिक्षक उस दिन सबसे पहले विद्यालय पहुंचते हैं।
--------------------
ठोस व औचक जांच में कमी
गैर हाजिर रहने वाले शिक्षकों की गुप्त पहचान करने की जरूरत है। ठोस व औचक निरीक्षण नहीं होने से वे अबतक बचे आ रहे हैं। कुछ शिक्षकों का कहना है कि यदि विभाग किसी भी दिन पूर्व सूचना दिए हुए विद्यालय पहुंच जाए तो ऐसे शिक्षकों की पहचान निश्चित हो जाएगी। परंतु जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। इसलिए ऐसे शिक्षक बेखौफ रहते हैं।
-----------------------
बिना हाजिरी राशि उठाना गंभीर बात है। सबसे पहले संबंधित विद्यालय प्रभारी पर कार्रवाई की जाएगी। उसके बाद शिक्षक पर। ऐसे शिक्षकों को चिन्हित किया जाएगा। साथ ही औचक निरीक्षण किया जाएगा।
अभय कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, बांका