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यज्ञ को लेकर चहुंओर भक्ति का माहौल

संवाद सूत्र, अमरपुर(बांका): क्षेत्र के ज्येष्ठगौर नाथ मंदिर परिसर एवं चोरवैय महादेव स्थान परिसर में

By Edited By: Published: Mon, 27 Apr 2015 10:09 PM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2015 10:09 PM (IST)
यज्ञ को लेकर चहुंओर भक्ति का माहौल

संवाद सूत्र, अमरपुर(बांका): क्षेत्र के ज्येष्ठगौर नाथ मंदिर परिसर एवं चोरवैय महादेव स्थान परिसर में आयोजित यज्ञ में भारी भीड़ उमड़ रही है। सुबह से ही दोनों जगहों पर यज्ञ मंडप की परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं का ताता लगा रहा। जो देर संध्या तक जारी रहा। वहीं दोनों जगहों पर यज्ञशाला परिसर में स्थापित किए गए विभिन्न देवी देवताओं के अलावा वर्तमान परिवेश में आधुनिकता की चकाचौंध से समाज को अलग दिशा देने वाली बुराइयों की मूर्ति आकर्षण का केंद्र बनी है। जिसे यहा आने वाले हर श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। चोरवैय में वृदावन से पहुंचे कथावाचक स्वामी अशोक पाण्डेय जी ने कृष्ण सुदामा मिलन का विस्तार पूर्वक वर्णन करते हुए कहा कि जब पत्‍‌नी के अनुरोध पर सुदामा जी अपने मित्र भगवान कृष्ण से मिलने द्वारिका पहुंचे तो महल के दरबानों ने फटेहाल गरीब ब्राह्मण समझ कर महल में प्रवेश करने से रोक दिया। और जब भगवान कृष्ण को अपने मित्र सुदामा की महल के दरवाजे पर खड़ा रहने की सूचना मिली तो वे खुशी से पैदल ही मुख्य दरवाजे की ओर दौड़ पड़े। अपने मित्र को गले लगाकर सम्मान पूर्वक महल में लाकर सिंहासन पर आसुओं से पैर धो डाले। और भगवान ने सुदामा जी से भाभी द्वारा यानि भगवान के लिए सुदामा की पत्‍‌नी द्वारा सौगात की माग कर दी। जिससे सुदामा जी सकुचा गये। और भगवान ने उनके धोती के एक किनारे में बंधे ताडुल यानि चावल को बड़े चाव से खाने लगे। उन्होंने युवाओं को भगवान कृष्ण और सुदामा के दोस्ती से सीख लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि आधुनिकता के दौर में बेटा मा बाप को त्याग कर देता है। लेकिन एक श्रवण कुमार अपने मा बाप को झूले में बिठाकर कर चारों धाम की यात्रा करवाई । युवाओं को वेद पुरणों के अच्छाई को ग्रहण कर अच्छे समाज का निर्माण में लगाने की जरूरत है। ताकि एक बार फिर रामराज्य स्थापित हो सके। इस मौके पर यज्ञ समिति के सौतन वैद्य, पंकज यादव, राजीव रंजन, मुकेश कुमार, धर्मवीर मंडल, वशिष्ठ कुमार, सुबोध कुमार, सुनील कुमार, दीपक कुमार सहित काफी संख्या में सदस्य व्यवस्था में लगे हुए थे।

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