दूसरे दिन भी भूकंप के झटके से खौफजदा हैं लोग
जेएनएन बांका: शनिवार के बाद रविवार को फिर से धरती डोलने के बाद लोग दहशत में दिन भर रहे। जिले के विभि
जेएनएन बांका: शनिवार के बाद रविवार को फिर से धरती डोलने के बाद लोग दहशत में दिन भर रहे। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जानमाल की क्षति तो नहीं हुई है। लेकिन पांच दर्जन से अधिक घरों में दरारें आ गयी। बौंसी, बेलहर, शंभूगंज, चांदन सहित अन्य क्षेत्रों में कई कच्ची घर गिरने की सूचना है। प्रशासन ने अगले 24 घंटे के लिए पुन: अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। शहर के विजयनगर स्थिति कृष्ण मोहन राउत के घर की छज्जा , रेलिंग गिरने के साथ कई जगह दीवार में दरारें आ गयी है।
रजौन: भूकंप के झटके से लोग अपने अपने घरों से निकल कर खुले आसमान के नीचे आ गये। वहीं प्रखंड आपूर्ति कार्यालय में लंबित कार्यो का संधारण करने में लगे एमओ धनुषधर झा सारा कामकाज छोड़कर कार्यालय से बाहर जान बचाकर भागे। दूसरे दिन भूकंप की तीव्रता की वजह से कई मकान में दरारें आयी है। चादन: फिर दूसरे दिन भूकंप आने से दहशत का माहौल व्याप्त हो गया है। वैसे सरकारी कार्यालय बन्द रहने से भूकंप का झटका महसूस होते ही घरों से बाहर हो कर चिखने चिल्लाने लगे। बाजारों में सभी ग्राहक और दुकानदार दुकान को छोड़ कर सड़क पर आ गए। कस्तूरबा सहित अन्य निजी आवासीय विद्यालय के छात्र-छात्राएं विद्यालय से बाहर हो गयी।
धोरैया : शनिवार और रविवार को आए भूकंप के झटके महसूस करते ही घर के लोग बाहर निकल पड़े। कुछ देर के लिए प्रखंड व अंचल कार्यालय में अफरा तफरी मच गयी। वहीं सभा भवन में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे ग्राम कचहरी के प्रतिनिधि अपनी कुर्सी हिलते देख तथा प्रखंड व अंचल कर्मी भवन की जर्जर स्थिति को देख अपनी जान बचाकर भाग निकले।
जयपुर: 24 घटे के अंदर रविवार दोपहर फिर एक बार भूकंप के झटके ने जयपुर को हिला दिया। जयपुर यादव मार्केट में भूकंप के झटके आते ही पूरे बाजार के लोग खेल मैदान की और भाग खड़े हुए। जबकि जयपुर बाजार में भी लोगों के बीच अफरातफरी मच गई।
शभूगंज: भूकंप का झटका आने पर जो जिस अवस्था में थे। घर छोड़ सड़क पर आ गए। वैसे भी आपदा विभाग की चेतावनी से लोग रात भर दहशत में रहे। अधिकाश घर में सोने के बजाए बाहर टहलते नजर आए।
इधर, बीडीओ राकेश कुमार ने बताया कि क्षेत्र में पैनी नजर रखी जा रही हैं । पंचायत के हरेक मुखिया से लगातार संपर्क बना हुआ है। वैसे छत्रहार ग्राम पंचायत के धनंजय प्रसाद सिंह एवं विभूति मिश्रा, करसोप के गुणेश्वर सिंह एवं रामचुआ के सुरेन्द्र सिंह का मकान दरक गया है।
बेलहर: बुजुगरें की मानें तो इस तरह का भूकंप 1934 में भी आया था। जिससे देश ही क्या विदेशों को भी हिलाकर रख दिया था। 1984 में भी भूकंप का झटका आया था। वैसे इस भूकंप के झटके से बेलहर के चौरा गाव के बासुकी सिंह एवं जयनारायण सिंह, नवीबाध गाव के दिनेश सिंह बिच्जीखोरबा के संतोष साह सहित साहबगंज एवं क्षेत्र के अन्य जगह में भी दीवार दरकरने की सूचना है।
कटोरिया: प्रखंड के आसपास के क्षेत्रों में रविवार को भी भूकंप के झटके महसूस किये गये। लगातार दूसरे दिन भी 12 बजकर 40 मिनट पर लोगों ने भूकंप के तेज झटके महसूस किये। इस बार कंपन शुरू होते ही लोगों को भूकंप का एहसास हो गया। चूंकि क्षेत्र के लोगों ने करीब पच्चीस घटे पूर्व शनिवार को भूकंप के दो बार झटके झेला था। रविवार को चंद सैकेंड के भीतर ही घरों, दुकानों और वाहनों में बैठे लोग परिवार व बच्चों के साथ सड़क पर आ गये। रेफरल अस्पताल कटोरिया में भी सभी स्वास्थ्यकर्मी व भर्ती मरीज अस्पताल की बिल्डिंग से बाहर निकल आये। इसके अलावा कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय, कटोरिया चैक स्थित दुकानों व घरों के लोग और तीनों बस स्टैंडों पर वाहनों में गाड़ी खुलने का इंतजार कर बैठने वाले लोगों में अफरातफरी मच गयी। हालाकि कुछ युवक सड़क किनारे खड़ी बाइक व साइकिल में हो रहे कंपन को मोबाइल में कैद करते भी दिखे।
पंजवारा: धरती हिलने पर हर तरफ हल्ला हंगामा, शोरगुल शुरू हो गया। बच्चे, बूढ़े, जवान सब घर छोड़ खुले में निकल भागने में बेताब हो गए। कई पुराने व कच्चे घरों के दीवार क्षतिग्रस्त होने की सूचना है।
अमरपुर: भूकंप के झटके से लोग जिस भी हालत में थे। घर से सड़कों की ओर दौड पड़े। सबसे भयावह स्थिति अमरपुर बाजार में देखी गई। भुकंप के हल्के झटके ने अनहोनी आशका से लोगों को अंदर तक हिला दिया। हालाकि कहीं से भी जानमाल की क्षति होने की सूचना नहीं मिली है।
बौंसी : भूकंप से मंदार पर्वत समीप झपनिया गाव के केदारनाथ सिंह के मकान में दरार आ गया है। वहीं बंटी सिंह का दीवार फट गया है। शहर के अचारज मोहल्ला के मुकेश कुमार का मकान में भी दरार आ गया है। वहीं ललमटिया गाव के चीकू तिवारी सुभाष पाडेय मुकेश पाडेय और डिम्पल पाडेय के भी मकान एवं चहार दीवारी क्रेक हो गया है। 90 वर्षीया थाना कालोनी की मनराज देवी ने बताया कि वर्ष 1934 के बाद का सबसे तीव्र भूकंप था।