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कालीगढी-घुठिया में दो दिवसीय संतमत सत्संग संपन्न

संवाद सूत्र, कटोरिया (बाका) : संसार की जिंदगी को संवारते हुए परमार्थ सत्ता की ओर यात्रा करें। ध्यान

By Edited By: Published: Mon, 30 Mar 2015 09:57 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 09:57 PM (IST)
कालीगढी-घुठिया में दो दिवसीय संतमत सत्संग संपन्न

संवाद सूत्र, कटोरिया (बाका) : संसार की जिंदगी को संवारते हुए परमार्थ सत्ता की ओर यात्रा करें। ध्यान योग में दोनों दृष्टि को एक करने से ज्योति की प्राप्ति होती है। उसी में परमात्मा की आवाज सुनायी देती है। सत्संग में बैठने से सद्बुद्धि आती है, जिससे सम्मानपूर्वक परलोक की यात्रा संभव है। सत्संग में संतों द्वारा भौतिक और आध्यात्मिक ज्ञान की थाली परोसी जाती है।

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उक्त बातें सोमवार को कटोरिया के कालीगढी-घुठिया गाव स्थित महर्षि मेंहीं संत शाहीधाम में संतमत-सत्संग के भव्य ज्ञान यज्ञ के अंतिम सत्र में प्रवचन के दौरान संतमत के गौरव स्तंभ सह ओजस्वी वक्ता पूज्य स्वामी वेदानंद महाराज ने कही। वयोवृद्ध संत मोती दास महाराज ने कहा कि जो अपने को जोगता है, वही योगी है। स्वामी धैर्यानंद ने कहा कि योग रहित ज्ञान मोक्ष कार्य में समर्थ नहीं हो सकता। उसी तरह ज्ञान रहित योग से भी मोक्ष नहीं हो सकता। ज्ञान ही मोक्ष कहलाता है। मोक्ष का अर्थ है सभी दुखों से छुटकारा। स्वामी निरंजन बाबा ने कहा कि योग का अर्थ होता है मिलना। जिनसे बिछुडे़ हैं, उन्हीं से मिलना। मुक्ति के लिए जीते जिंदगी ही प्रयास करना होगा। सहदेव बाबा ने कहा कि योग में बड़ी शक्ति होती है। सबों को सत्संग योग करनी चाहिए। ईश्वर के ज्ञान के बिना जीवन व्यर्थ है। माधो बाबा ने कहा कि ईश्वर से बिछुडकर और माया में पड़कर ही जीव दुखी रहता है। सत्संग कार्यक्त्रम की अध्यक्षता स्वामी शातानंद और संचालन स्वमी अनूपानंद ने किया। आयोजन को सफल बनाने में स्वागत समिति के अध्यक्ष जागेश्वर प्रसाद यादव, उपाध्यक्ष संतलाल यादव, मंत्री गौतम प्रसाद यादव, अर्जुन सिंह, गोपाल सिंह, नरेश यादव, पप्पू भगत, गोपी वर्णवाल, मुनिलाल पंडित, पंचानंद दास, उपेंद्र चौधरी, शिवनंदन मंडल, शकर पंडित, संजय मंडल, गणेश यादव, चैरासी यादव, बनिल बाबू आदि ने मुख्य भूमिका निभायी।


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