जागरण विशेष..गांवों में नहीं पहुंची 'चंचला' ढिबरी में जी रहे लोग
बिभांशु शेखर, बांका: जिले के तकरीबन दो सौ से अधिक गांव बिजली व्यवस्था से महरूम है। सिर्फ बांका प्रखंड के 50 से अधिक गांवों में अब तक बिजली नहीं पहुंची है। यहां तक कि नगर पंचायत अंतर्गत पड़ने वाले मानिकचक गांव में भी बिजली नहीं है। जो कुंद पड़े सिस्टम को बताने के लिए काफी है। प्रखंड के अन्य ग्रामीण क्षेत्रों को देखा जाय, तो लगभग पचास ऐसे गांव हैं जो किसी न किसी वजह से बिजली से दूर है। कई गांवों में न तो बिजली का तार या पोल ही खड़ा किया गया है। जबकि कई ऐसे गांव हैं, जहां राजीव गांधी विद्युतीकरण के तहत तीन साल पहले ट्रांसफार्मर व पोल तो खड़ा कर दिया गया। लेकिन करंट देना भूल गए।
प्रभावित हैं प्रखंड के कई पंचायत
प्रखंड क्षेत्र के लोधम, दक्षिणी कटेली व ककबारा सहित कई पंचायतों के दर्जनों गांव में बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप है। खावा, सिहों, बलियामहरा, पहरीडीह, बसबेरवा, गढ़वातरी, डोढरी, हिरमोती सहित दर्जनों गांव में बिजली नहीं रहने के कारण लोग परेशान हैं। ग्रामीणों का कहना है कि आजादी के बाद भी अब तक बिजली नहीं पहुंची है। ग्रामीणों का कहना है किरोसीन तेल की कीमत दिनोदिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में परेशानी हो रही है।
चोरों ने भी किया बिजली का नुकसान
प्रखंड क्षेत्र के कई गांवों में ट्रांसफार्मर चोरों ने चोरी कर ली। गढ़वातरी, पहरीडीह सहित कई गांव का ट्रांसफार्मर चुरा लिया गया है। जबकि गढ़वातरी से कोकड़ी आदि गांवों का तार भी चोरों ने काट लिया है। इससे बिजली की आपूर्ति अवरूद्ध है।
कहते हैं ग्रामीण
सिंहों गांव निवासी सुलेंद्र यादव, विकास यादव, मनोज, अमोद आदि लोगों ने बताया कि गांव में विभाग द्वारा ट्रांसफार्मर लगाए कई वर्ष बीत गए। परंतु, अब तक गांव बिजली आपूर्ति नहीं दी गयी। हिरमोती के छोटे लाल मरांडी ने कहा कि गांव में बिजली कई महीनों से गायब है। ग्रामीणों ने जल्द बिजली व्यवस्था को दुरस्त करने की मांग की है।
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जिस गांव में बिजली की आपूर्ति किसी कारण वश नहीं हो पायी है। उसपर विभाग का ध्यान है। सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लिया गया है। फेज टू में चिन्हित गांवों को बिजली से जोड़ने की कार्रवाई की जायेगी।
गौरव पाण्डेय
कार्यपालक अभियंता, विद्युत विभाग, बांका