बालू उठाव के विरोध में गोलबंद होने लगे किसान
संवाद सहयोगी, बांका : अब बालू उठाव के विरोध में हो रहे आंदोलन की आग ने गांव गलियों तक फैलने लगी है। बेलहर एवं अमरपुर में प्रदर्शन एवं अनशन के बाद सोमवार को समाहरणालय के समक्ष जमकर प्रदर्शन किया। उपस्थित लोग बालू माफिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। अखिल भारतीय किसान सभा के द्वारा कार्यकर्ताओं ने पहले जुलूस निकाला। बाद में समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन करते हुए धरना दिया। इस दौरान सरकार और प्रशासन के विरूद्ध जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन में सीपीआई के कई समर्थक शामिल हुए।
धरना-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे सभा सचिव उग्रमोहन चौधरी ने कहा कि बालू उठाव की वजह से नदियों की कोख सुनी हो रही है। जलस्तर नीचे जाने से सिंचाई की समस्या दिनोदिन बढ़ती जा रही है। लेकिन शासन-प्रशासन ने बालू माफिया के सामने घुटने टेक दिया है। जिसका खामियाजा गरीब किसानों को भुगतना पड़ रहा है। मात्र 20 से 22 करोड़ रुपये की खातिर अरबों की क्षति हो रही है। सीपीआई जिला सचिव महेश्वरी साह ने कहा कि सरकारी योजनाओं में पर्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में भी प्रशासन निष्क्रिय है। उन्होंने टूट रहे पुल-पुलियों की ओर जिला प्रशासन को कड़ा कदम उठाने की आवश्यकता बतायी है। साथ ही उन्होंने कहा कि आज भी कई गांव बिजली से वंचित है। जहां सिंचाई की समस्या बनी हुई है। उन्होंने कहा कि जिले की अधिकतर आबादी कृषि पर निर्भर है। बढ़ती महंगाई ने किसानों का दम तोड़ दिया है। प्रदर्शन का उग्र रुप देखते हुए जिला प्रशासन भी हरकत में आई। समाहरणालय द्वार का आधा हिस्सा बंद कर दिया गया। एडीएम डीपी शाही ने किसानों से बातचीत कर उनकी समस्या सुनते हुए ज्ञापन लिया। इस मौके पर किसान सभा के मनोहर शर्मा, मृत्युंजय प्रसाद, मुनीलाल पासवान, विंदेश्वरी यादव, शिव नंदन प्रसाद सहित भारी संख्या में लाल झंडा लिए कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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13 सूत्री मांग
-स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश लागू हो।
- भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव न हो।
-60 वर्ष की उम्र से अधिक किसान व मजदूर को तीन हजार मासिक पेंशन दिया जाए।
-नहर, बांध, पुल-पुलिया का मरम्मत हो।
-सिंचाई व्यवस्था दुरूस्त की जाए।
-बौंसी के नारायण वीयर, फुल्लीडुमर के खड़ोधा वीयर, बाराहाट के नेमुआ कुशमी नहर सहित अन्य जल स्त्रोत में पर्याप्त समस्या का निदान हो।
-चांदन हाईलेवल केनाल का री-मॉडलिंग किया जाए।
-नाला व पाइप की नियमित सफाई की जाय।
-सभी नदियों से बालू उठाव पर रोक लगाई जाए।
-किसानों का कृषि ऋण माफ किया जाए।
-बांका प्रखंड के जमुआ व ककवारा पंचायत में बिजली आपूर्ति बहाल की जाए।