कई पुल-पुलिया टूटने से अब बेलहर-बांका रोड पर बढ़ा दबाव
जागरण संवाददाता, बांका : बांका की अधिकांश सड़कों का पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त होने के बाद सभी प्रमुख सड़कों पर परिचालन लगभग बंद है। मुख्य सड़क अवरूद्ध होने के बाद अब मालवाहक वाहनों ने बेलहर-बांका सड़क को वैकल्पिक रास्ता बना लिया है। इस साइड सड़क पर दो दिनों से अत्यधिक दबाव बढ़ गया है। खास कर रात को इस रास्ते सैकड़ों की संख्या में मालवाहक ट्रक बांका होते हुए कटोरिया होकर झारखंड प्रवेश कर रहे हैं। अब एकाएक इस सड़क पर दबाव बढ़ने से इसके अस्तित्व में संकट आना तय है। जब भारी वाहनों के परिचालन से राज्य पथ की हालत सात दिनों में खस्ताहाल हो गयी तो यह सड़क कब तक अपना खैर मनाएगी। नये सड़क पर वाहनों की संख्या और रफ्तार बढ़ने से इस इलाके का जनजीवन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। दिन भर सड़कों पर उड़ती धूल और वाहनों के घरघराहट से लोगों के रातों की नींद उड़ गयी है। जानकारी के मुताबिक इस पथ पर आजादी के काल का कई पुल-पुलिया जर्जर हालत में है। अगर वाहनों की यह रफ्तार जारी रही तो इस सड़क के पुल-पुलिया का दम टूटना तय है। मालूम हो कि भागलपुर हंसडीहा पथ का बैजानी पुल टूटने के बाद बांका की सड़कों पर वाहनों का दवाब बढ़ा। अमरपुर के रास्ते वाहनों के परिचालन से इसका परसबन्नी पुल क्षतिग्रस्त हो गया। जब वाहन इसे छोड़ कर शंभूगंज रास्ते से होकर गुजरने लगे तो इस सड़क का जोगनी पुल क्षतिग्रस्त हो गया। इसके बाद वाहनों ने खेसर के रास्ते रामसरैया होकर बांका की राह पकड़ी। यह सड़क भी दो दिन से अधिक नहीं टिक सकी। और रामसरैया पुल ने जवाब दे दिया। अब मालवाहक वाहनों ने बेलहर-बांका मुख्य मार्ग की दिशा पकड़ी है। तय है कि एक दो दिनों के अंदर इसका पुलिया ढहना शुरू कर देगा।
बाक्स-
महुआडीह पुलिया का नहीं ठीक हुआ बैरियर
जासं,बांका : बांका-ढाका मोड़ मुख्य पथ का महुआडीह पुलिया पर लगा बैरियर शुक्रवार रात ही मालवाहन वाहनों ने तोड़ दिया। घटना के बाद ट्रक चालक पकड़ा भी गया। पथ प्रमंडल ने इसी दिन महुआडीह पुल पर बैरियर लगाया था। यानि बैरियर लगने के कुछ ही देर बाद इसे तोड़ दिया गया। आश्चर्य यह कि घटना का दो दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासन या पथ प्रमंडल ने इस पर गौर नहीं किया। इसका लोहे का खंभा वहां खतरनाक हालत में है। लोहे का दो नुकीला हिस्सा सड़क की ओर लटका हुआ है। एक लोहे का खंभा खंभा उखड़ कर सड़क की दूसरी ओर लटक रहा है। इससे कोई भी वाहन कभी भी बड़ी दुर्घटना का शिकार हो सकता है। अलबत्ता, लोहे का बैरियर टूटने के बाद भारी वाहनों का परिचालन फिर से चालू हो गया है। स्थानीय असामाजिक तत्व ऐसे मालवाहक वाहनों से वसूली कर उसे पार करा रहे हैं।