Move to Jagran APP

रमजान मुबारक : रोजा आत्मशुद्धि व आत्म नियंत्रण का बहुत बड़ी साधना है

By Edited By: Published: Mon, 21 Jul 2014 10:29 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jul 2014 10:29 PM (IST)
रमजान मुबारक : रोजा आत्मशुद्धि व आत्म नियंत्रण का बहुत बड़ी साधना है

संवाद सहयोगी, रजौन बाका : रोजा आत्म शुद्धि एवं आत्म नियंत्रण का एक बहुत बड़ा साधक है। रोजा का मतलब भूखा रहना नहीं, बल्कि प्रत्येक अंग पर नियंत्रण करने का साधन है। उक्त बाते डीएन सिंह कॉलेज के व्याख्याता सह इग्नू के कोडिनेटर डॉ. अल्तमस हुसैन ने कही। उन्होंने बताया कि मुंह का रोजा है मुख से कोई गलत बात नहीं करना। हाथ का रोजा का मतलब हाथ से गलत काम नहीं करना। वहीं, पैर का रोजा वह है जहां कुछ स्थानों पर जाना गलत है।

loksabha election banner

डॉ. अरशद रजा ने बताया कि दिल एवं दिमाग का रोजा का कोई भी बुरी चीज नहीं सोचना है। पेट का रोजा है कि भूख की शिद्यत को महसूस कर भूखे प्यासे के दर्द को अनुभव कर उसकी मदद करना।

प्रो. एजाज अहमद खान ने बताया कि रमजान का एक लम्हा बरकत का है। इस माह से इंसान खुद की बुराइयों से बचे और अपने घर वालों को भी बचाने की कोशिश में लगे रहे। यही बात इस्लामनगर के मु. मनीर उद्दीन एवं मु. इजहार ने कही। उन्होंने बताया कि मस्जिद एवं इर्दगाह मुसलमानों के दो धर्म स्थल हैं। मस्जिद में हर रोज पाचो वक्त नमाज अता की जाती है। जबकी ईदगाह में नमाज ईद एवं बकरीद में अता की जाती है। प्रखंड में ईदगाह मझगांय डरपा पंचायत के चकबीर गांव में है। वहीं, मस्जिद प्रखंड क्षेत्र के रसलपुर, मकरमडीह, चकमुनया, तेरह माईल, इस्लामनगर, परसौतीपुर, हरणा,कैथा, कटियामा आदि गावों में है। जहां रमजान के अवसर पर हर रोज पाचों वक्त की नमाज अता की जाती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.