मतदान केंद्र के बाहर टेंट लगा सकेंगे प्रत्याशी
जागरण संवाददाता, बांका : जिला निर्वाचन पदाधिकारी साकेत कुमार ने शुक्रवार की शाम समाहरणालय में प्रत्याशी और राजनीतिक दल के साथ जिला स्टैंडिंग कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक की। जिसमें प्रेक्षक गंगाराम बदेरिया भी प्रमुख रूप से शामिल हुए। बैठक में प्रत्याशी को मतदान केंद्र के 200 गज दूरी पर मतदाताओं की सहायता के लिए कैंप निर्माण नियम में बदलाव किया गया। कड़ाके की धूप को देखते हुए प्रत्याशी अब इस दूरी पर दस गुना दस साइज का टेंट लगवा सकते हैं। वहां बैठने की कुर्सी, टेबल का इंतजाम किया जा सकता है। बैठक में मतदान के लिए प्रत्याशी को वाहन की अनुमति पर भी चर्चा हुए। कोई भी प्रत्याशी हर विधान सभा क्षेत्र के एक वाहन की अनुमति ले सकता है। इसके अलावा खुद प्रत्याशी तथा उसके चुनाव अभिकत्र्ता को एक-एक गाड़ी की अनुमति मिलेगी। बैठक में डीडीसी प्रदीप कुमार, एसडीओ शिव कुमार पंडित, एसडीपीओ शशि शंकर कुमार, एसडीसी डीपी शाही, उप निर्वाचन पदाधिकारी जितेंद्र कुमार के अलावा कांग्रेस जिलाध्यक्ष संजीव कुमार सिंह, भाजपा महामंत्री जयशंकर चौधरी, सीपीएम के जमील अहमद, राजद के अर्जुन ठाकुर, जदयू जिलाध्यक्षओमप्रकाश मंडल आदि मौजूद थे।
80 प्रतिशत मतदाता पर्ची वितरित
फोटो मतदाता पर्ची वितरण का काम शुक्रवार शाम पूरे जिला में समाप्त हो गया। मतदाता सूची में शामिल करीब 80 से अधिक मतदाताओं के बीच इसका वितरण पूरा कर लिया गया है। वैसे देर शाम तक इसका अंतिम आंकड़ा संग्रह का काम जारी था। अंतिम दिन सभी बीएलओ से बचे मतदाता और घर से बाहर रहने वाले बचे मतदाताओं की पर्ची जमा करने संबंधी डाटा भरवाया गया। अब बची मतदाता पर्ची को वे प्रखंड कार्यालय में जमा कराएंगे। वापस घर लौटने वाले मतदाता वहां पहुंच इसे प्राप्त कर सकते हैं। वैसे मतदान के दिन 24 अप्रैल को यह फिर से बीएलओ के साथ मतदान केंद्र पर मौजूद रहेगा। छूटे मतदाता सीधे वहां पहुंच बीएलओ की पहचान पर मत डाल सकेंगे।
बाक्स- दिल मांगे मोर, मगर जुबान पर लटका ताला
जासं, बांका: समाहरणालय से लेकर प्रखंड कार्यालय तक चुनाव को लेकर गहमगहमी बनी हुई है। विभिन्न कोषांग और चुनाव कार्यालयों में सैकड़ों कर्मी दिन रात एक कर काम में जुटे हैं। समाहरणालय में तो मध्य रात्रि बाद तक कई कार्यालयों में काम हो रहा है। मगर अबकी सभी कर्मी चुनाव व्यवस्था से नाराज हैं। उनका दिल बहुत कुछ मांग रहा है, पर जुबां पर ताला लगा हुआ है। चुनाव को लेकर वह सब कुछ बर्दास्त कर ले रहे हैं। दरअसल, हर चुनाव में लगे कर्मियों के लिए भोजन व नास्ता का बंदोबस्त होता रहा है। पर अबकी पीने के पानी पर भी आफत है। कई कोषांगों में तो चंदा कर पीने का पानी मंगाया जा रहा है। सुबह आठ बजे से रात दस बारह बजे तक की ड्यूटी के बाद भी उन्हें नास्ता भोजन कुछ नहीं मिल रहा। अभी ईवीएम सीलिंग के अलावा वाहन कोषांग, कार्मिक, सामग्री कोषांग, निर्वाचन शाखा में देर रात तक काम हो रहा है। पहले के चुनाव में यहां भोजन और नास्ता दोनों का प्रबंध होता रहा है। पर अबकी कुछ नहीं मिलने पर बस इसका गुस्सा उनके चेहरे पर दिख रहा है। कुछ कर्मी बाइक या वाहन के लिए पेट्रोल का कूपन नहीं मिलने से गुस्साए हुए हैं। कर्मी साफ कहते हैं कि अबकी बांका में सबसे सस्ता चुनाव हो रहा है। सरकार की बड़ी राशि बच जाएगी।