.. तो अब कचिया-बाली से सधेगा तीर का निशाना
जागरण संवाददाता, बांका : तो अब कचिया-बाली के सहारे बांका में जदयू का तीर अपना निशाना साधेगा। इसकी औपचारिक घोषणा में भले ही अभी दो-चार दिन की देरी बची हो पर बांका की सरजमीं ने पहली बार दोनों के साथ-साथ चलने का मायने निकाल लिया। शुक्रवार को लाल झंडे के साथ तीर की गलबांही देख इसकी कहानी समझने में जरा भी देर नहीं लगी। जी हां, तो अब बांका संसदीय चुनाव में जदयू का प्रत्याशी नहीं होगा। उम्मीदवारी को लेकर लगाये जा रहे सारे कयास पर विराम लग गया है। अब जदयू और सीपीआई गठबंधन में बांका सीट सीपीआई खाते में चली गई है। उसके प्रत्याशी संजय कुमार जदयू के समर्थन से बांका में चुनाव लड़ेंगे। जानकारी के मुताबिक गुरुवार देर रात ही पटना में इसकी कहानी पक्की हो गई है। सीट बंटवारे पर फैसला हो जाने के बाद सीपीआई प्रत्याशी संजय कुमार शुक्रवार को जदयू जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश मंडल के आवास पर पहुंचे। फिर वहीं पार्टी कार्यालय में दर्जनों पार्टी कार्यकर्ताओं से मिले। खुद संजय कुमार ने भी जदयू के समर्थन से बांका संसदीय चुनाव लड़ने पर अंतिम फैसला हो जाने की बात कही है। वे अपने समर्थकों को भी दिन भर इसकी जानकारी देते रहे और चुनाव तैयारी में जुट जाने को कहा। पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी इस पर हामी भरी। जदयू-सीपीआई के इस मिलन का असर थोड़ी ही देर बाद जदयू के बिहार बंद को लेकर निकले मशाल जुलूस में देखने को मिला। सीपीआई नेता यानि भावी प्रत्याशी संजय कुमार मशाल जुलूस में अगवा की तरह शहर घूमे। सीपीआई के जुड़ने की भीड़ भी मशाल जुलूस में दिखी। काफी संख्या में सीपीआई कार्यकर्ता भी लाल झंडा लेकर इस मशाल जुलूस में शामिल हुए। समझा जाता है कि बांका में पहली बार जदयू का झंडा लाल झंडे के साथ लहराया है। अब तक जदयू का झंडा भगवा झंडा के साथ लहराता था। अब बदल कर यह लाल रंग में अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रहा है। वैसे जदयू-सीपीआई गठबंधन की पक्की हुई बात की खबर शुक्रवार को तेजी से शहर और फिर गांव तक फैलती रही। हर जगह लोग अब बांका के बने नये समीकरण पर अपनी प्रतिक्रिया देने से नहीं चूके। वहीं राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले लोग वोट का जोड़ घटाव कर जीत हार तक सुनिश्चित करने लगे। जदयू जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश मंडल ने कहा कि, इसकी विधिवत सूचना उन्हें नहीं मिली है। लेकिन, बांका सीट सीपीआई को दिये जाने की सूचना उन्हें पार्टी सूत्रों से मिली है। इसकी घोषणा पटना स्तर से ही होनी है।