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गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कहानी, सिमरा की जुबानी

By Edited By: Published: Fri, 15 Nov 2013 09:37 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2013 09:38 PM (IST)
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कहानी, सिमरा की जुबानी

हमारे प्रतिनिधि, बांका : बौंसी डेम रोड में आगे कुछ किलो मीटर चलने पर एक विद्यालय हैं सिमरा। पिछले साल से यह विद्यालय सुर्खियों में है। आठवीं तक की पढ़ाई वाले इस विद्यालय ने सचमुच सरकारी विद्यालय होने का भ्रम तोड़ दिया है। खास कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अभियान प्रभावी होने के बाद इसके खास मायने हैं। वर्तमान समय में जब अधिकांश विद्यालय 50 फीसद बच्चों की उपस्थिति को तरस रहा है। वहीं सिमरा के बच्चे शत प्रतिशत उपस्थिति से नया कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं। गुरुवार को इस विद्यालय में भी बाल दिवस का आयोजन था। अधिकारियों के पहुंचने में थोड़ी देरी हो गई। शाम चार बजे के करीब अधिकारियों का पहुंचना शुरू हुआ। और एक-एक कर डीइओ ज्योति कुमार, डीपीओ अहसन, जर्नादन प्रसाद विश्वास, फैयाज अहमद शम्सी, वरीय उप समाहत्र्ता ललित कुमार सिंह सहित कई अधिकारी पहुंचे। मगर आश्चर्य कि, ठंड की शाम के बावजूद सभी नामांकित 222 बच्चे वहां मौजूद थे। उपस्थिति का यह रिकार्ड नया नहीं था। वरन, किसी भी सामान्य दिन में उपस्थिति 95 फीसद के पार होती है। बाल दिवस पर सात बच्चे ऐसे मिले, जो अप्रेल से लेकर अब तक शैक्षणिक सत्र में एक दिन भी अनुपस्थित नहीं रहे। अधिकारियों ने उन्हें मेडल देकर पुरस्कृत किया। इस कामयाबी के लिए सभी शिक्षकों को भी सम्मान दिया गया।

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कैसे आया यह बदलाव

सिमरा पूरी तरह आदिवासी व दलित आबादी वाला गांव है। डेढ़ साल पहले यह भी सामान्य विद्यालय था। इसी वक्त तत्कालीन डीएम ने कुछ अधिकारियों को विद्यालय गोद दिया। करीब सौ गोद लिए विद्यालयों पर तो कोई खास अंतर नहीं आया। मगर युवा अधिकारी वरीय उप समाहत्र्ता ललित कुमार सिंह के खाते में गया सिमरा ने रंग दिखाया। अधिकारी ने पहले गांव के घरों में जाकर, पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर लोगों को शिक्षा की महत्ता बताई। और बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित किया। दो-तीन महीने में छात्रों की उपस्थिति सौ के करीब पहुंच गई। और अब साल भर बाद भी यह स्थिति बरकरार है। परिसर में ही सभी बच्चों के नाम यहां एक-एक स्वस्थ पौधा है। जो डेढ़ साल पूर्व लगाया गया था।

राज्य अधिकारियों ने भी माना लोहा

पिछले दिनों शिक्षा विभाग के राज्य अधिकारी इसकी गुणवत्ता जांचने पहुंचे थे। उन्होंने वर्ग वार बच्चों की गुणवत्ता जांचने के बाद इसका लोहा माना। और इसे ग्रेड वन का विद्यालय घोषित किया। इसी कड़ी में शिक्षा दिवस पर दो दिन पहले इस विद्यालय को उत्कृष्ट विद्यालय का भी स्मृति चिन्ह हासिल हुआ। इसके पहले भी डीएम सहित कई अधिकारी विद्यालय पहुंच चुके हैं। गुरुवार को आये अधिकारियों ने इसे राष्ट्रीय मानक का विद्यालय बनाने के लिए हर संभव सहयोग की बात कही।

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