जैविक उर्वरक से बढ़ेगी पैदावार, स्वस्थ होगा समाज
संवाद सहयोगी, बांका: जिले में जैविक खाद को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग ने किसानों को प्रेरित करना शुरू कर दिया है। साथ ही रासायनिक खाद के प्रयोग से होने वाली हानि को भी बता रही है। जैविक खाद उत्पादन के लिए प्रत्येक प्रखंड में किसानों से आवेदन भी लिया जा रहा है। जिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि रासायनिक खाद का खेतों में प्रयोग कम करने के लिए जैविक खाद को बढ़ावा दिया जा रहा है।
जैविक खाद निर्माण पर मिलने वाली सुविधा
जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा किसानों जैविक खाद उत्पादन करने की सुविधा मुहैया करायी जा रही है। पक्का वर्मी पीट पर अनुदानित राशि प्रत्येक यूनिट पर 3,000 रुपया सरकार द्वारा देने का प्रावधान है। वहीं एचडीपीई वर्मी बेड इसके लिए 5,000 हजार रूपया प्रति किसान राशि अनुदान के रुप में दी जाती है। प्रत्येक किसान अधिकतम 10 यूनिट खाद तैयार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसान सलाहकार, कृषि समन्वयक, बीएओ सहित कृषि विभाग के अधिकारी से संपर्क कर किसान लाभ ले सकते हैं।
क्या है लाभ
रासायनिक खाद का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। साथ ही मिट्टी की उर्वरा शक्ति दिन व दिन कम होता जाता है। जबकि जैविक खाद के प्रयोग से अनाज पौष्टिक युक्त पैदा होगा। साथ ही खेत की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होती है।
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