दांपत्य जीवन में सावन लाती है मिठास
जागरण प्रतिनिधि, बांका : शिव उपासना का माह सावन कई अन्य मायनों में भी खास होता है। इस माह भगवान शिव काफी प्रसन्न रहते हैं। तभी तो महिलाएं प्रत्येक सोमवार को विशेष पूजा-अर्चना करती हैं। पति की लंबी आयु के लिए वे शिवालय पहुंचकर महादेव की वंदना करती हैं। भक्ति व ऋंगार में डूबा सावन का माह महिलाओं को खूब भाता है। चारो ओर हरियाली उसपर रिमझिम बारिश की फुहार मन में तरंग पैदा कर जाती है। महिलाएं को इस माह में हरी-हरी चुड़िया काफी पसंद आती है। वे सोमवार को 16 ऋंगार कर भोलेनाथ को पूजा के लिए जाती हैं। सावन में मौसम का मिजाज भी कुछ और होता है। प्रकृति खुद भी प्रणय गीत गाने लगती है। ऐसे में दांपत्य जीवन में भी सावन नई मिठास घोल देता है। रिश्तों में मिठास घुल जाती है। फिल्म मिलन का गीत इस मौसम के लिए बिल्कुल सटीक बैठता है। सावन का महीना पवन करे शोर, जियरा रे झूमे ऐसे जैसे मनवा नांचे मोर..। मौसम का ही असर होता है जो प्रेम सबके ऊपर हावी हो जाता है। मन झूम उठता है। ऐसे में दांपत्य जीवन की हर कटुता भी बारिश के संग धुल जाता है। अजय भगत व नूतन कुमारी कहती है कि सावन दांपत्य जीवन में खास अहमियत रखता है। मौसम में बदलाव का असर जीवन पर भी दिखने लगता है। रूक-रूक कर होने वाली बारिश तो मन में एक उल्लास भर देता है। उसपर चोरो ओर हरियाली मन को खूब भाती है। वहीं अग्निशेखर कुमार व पूनम कुमारी कहती है कि सालोभर सावन ही रहता तो कितना अच्छा होता। सावन जीवन में रंग भर देता है। इंद्रधनुषी खुशियां सावन में समाहित रहती है। सुभाष चंद्र व मधु कुमारी कहती है कि सावन की बात ही कुछ अलग है। हर ओर खुशियों की बरसात होती है। मन में तरंग जागती है। तभी तो सावन को इंगित करते हुए काफी गीत भी बनाए गए हैं। फिर वह पति की ओर देखकर गुनगुनाने लगती है- तुझे गीतों में ढालूंगा, सावन को आने दो..।
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