खेतों में उतरे किसान
हमारे प्रतिनिधि, बांका : कई इलाकों में रविवार को सावन की पहली बारिश के बाद किसान खेतों में उतर गए हैं। बारिश के बाद सुबह से कई बहियार में ट्रैक्टर की आवाज गुंजने लगा। खेतों की रौनक एकाएक बढ़ गई है। निचले इलाके के खेतों में पानी जमा होने से किसानों में धान रोपनी की थोड़ी उम्मीद बंधी है। खास कर नहर किनारे के खेतों में किसानों को इस बारिश से काफी लाभ मिला है। उन्होंने रोपनी का काम तेज कर दिया है। वैसे यह बारिश अभी काफी कम है। बांका में जुलाई का औसत वर्षापात 301 मिमी है, इसकी तुलना में अब तक केवल 133 मिमी बारिश ही हो सकी है। वैसे रविवार की बारिश का असर बांका मुख्यालय के आसपास ही रहा। दूर के इलाकों में किसानों को अब भी पानी का इंतजार है। बांका प्रखंड में सोमवार का वर्षापात 65 मिमी रहा वहीं पूरे जिला का औसत वर्षापात 11 मिमी के ही आसपास रह गया। धान रोपनी की बात करें तो 29 जुलाई तक जिला में 7867 हेक्टेयर में रोपनी का काम पूरा हो गया है। इसका प्रतिशत 7.7 फीसद है। सर्वाधिक 20 फीसद रोपनी बौंसी प्रखंड में पूरी की जा चुकी है। अन्य प्रखंडों की रोपनी का बुरा है। धोरैया, रजौन, अमरपुर आदि धान उत्पादन वाले प्रमुख प्रखंड में रोपनी की हालत अभी बहुत खराब है। अमरपुर के किसान भैरो मरीक, सुबोध सिंह आदि ने बताया कि अब तक का पानी रोपनी के लिए पर्याप्त नहीं है। वैसे कुछ लोगों डीजल पंपसेट के सहारे रोपनी का काम शुरू कर रखा है। आसमान छाये बादल से किसानों को काफी उम्मीद है। अगर अब भी बारिश होती है तो किसान धान लगाने से नहीं चूकेंगे। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बारिश से चंदन डैम में थोड़ा पानी जमा हुआ है। इसे रोपनी के लिए नहर में छोड़ा जा रहा है।
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