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दिल्ली का एनजीओ 58 स्कूलों में परोस रहा एमडीएम

By Edited By: Published: Fri, 19 Jul 2013 01:26 AM (IST)Updated: Fri, 19 Jul 2013 01:27 AM (IST)
दिल्ली का एनजीओ 58 स्कूलों में परोस रहा एमडीएम

हमारे प्रतिनिधि, बांका : जिला के 18 सौ से अधिक सरकारी विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना विद्यालय शिक्षा समिति के माध्यम से ही संचालित है। अमरपुर व बांका शहरी क्षेत्र के केवल 58 विद्यालयों में एनजीओ एमडीएम परोसता है। बांका में जिस पूर्वाचल समाज सेवा संघ एनजीओ पर इसका जिम्मा है, वह दिल्ली का है। इसके मालिक हरपाल सिंह का दिल्ली, उत्तरप्रदेश और बिहार में बड़ा कारोबार है। वैसे इस एनजीओ का चयन पटना स्तर से ही हुआ है। एनजीओ के भोजन वितरण पर भी बांका में कई बार बवाल हुआ है। कई बार कीड़ा निकलने पर अभ्यास मध्य विद्यालय, ललित गिरिश्वर मध्य विद्यालय आदि के बच्चों ने शहर में प्रदर्शन किया। इस सबके बावजूद एनजीओ मजे से पिछले कई वर्षो से इसे संचालित कर रहा है। इससे अलग विद्यालय शिक्षा समिति संचालित एमडीएम की हालत तो और खस्ता हाल है। सभी विद्यालय में जंगली लकड़ी के सहारे एमडीएम का चूल्हा जलता है। जंगली लकड़ी किसी भी विषैले जीव का बसेरा हो सकता है। इसके अलावा भोजन में प्रयुक्त होने वाला मसाला व सरसों तेल खरीद के संबंध में कोई विभागीय आदेश प्राप्त नहीं है। इस कारण कभी गांव के छोटे पंसारी की दुकान से पाव आधा सेर सरसों तेल खरीद कर उपयोग में लाया जाता है। ऐसे में कभी भी कोई बड़ी घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है। कुछ ही विद्यालयों में इसकी थोक व ब्राडेड डब्बा बंद सामानों की खरीदारी की जाती है। एमडीएम में महंगी हरी सब्जी बजट के हिसाब से पहले से ही बाहर है। आलू, दाल, सोयाबीन, राजमा आदि खरीद और इसकी गुणवत्ता का कोई गाइड लाइन प्राप्त नहीं है।

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सारण की घटना के बाद दिए गए हैं निर्देश

सारण की घटना के बाद जरुर विभाग सहित एमडीएम प्रभारी द्वारा यह निर्देश दिया गया है कि खाद्य सामग्री में दाल, सब्जी से लेकर नमक व मसाला तक की क्वालिटी का ध्यान प्रभारी को रखना है। ताजी सब्जी के साथ आयोडिन युक्त नमक व एगमार्क वाले मसाले का उपयोग करना है। इसकी समय-समय पर जांच भी की जाएगी। इसके अलावा साफ-सफाई को लेकर विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

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