फौजदारी बाबा के पथ पर सुविधाएं नदारद
निप्र, बाराहाट (बांका) : विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला प्रारंभ होने से बस कुछ ही दिन रह गए हैं। सुल्तानंगज देवघर कांवरिया मार्ग की तरह भागलपुर-बासुकीनाथ कांवरिया मार्ग भी शिव भक्तों का रैला उमड़ता है। पिछले एक दशक से इस मार्ग की महत्ता काफी बढ़ गई है। भागलपुर के बरारीघाट, सीढ़ीघाट तथा उत्तरवाहिनी गंगा से कांवरिया गंगाजल उठाकर भागलपुर हंसडीहा मार्ग से बाराहाट, बौंसी, नौनीहाट होते हुए फौजदारी बाबा को जलाभिषेक करते हैं। इसमें बिहार के अलावा झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, असम आदि जगहों के कांवरिया की भीड़ शामिल होती है। इस मार्ग से होकर जिला के प्रसिद्ध शिव मंदिर लबोखर धाम में पूरे सावन तक कांवरिया बमों की तांता लगा रहता है। जबकि झारखंड के चुटोनाथ आदि शिव मंदिरों में जलाभिषेक करने हजारों की संख्या में कांवरिया का तांता चलता है। लगभग 118 किलोमीटर पैदल मार्ग भागलपुर, जगदीशपुर बौंसी, होकर दूसरा मार्ग कहलगांव, सन्हौला, धोरैया, पंजवारा से बाराहाट बौंसी होते हुए बासकीनाथ मार्ग पर कांवरिया मिलते है। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण भागलपुर-बासुकीनाथ मार्ग है। इस मार्ग पर प्रत्येक सोमवार को लाखों की संख्या में डाकबम कांवरिया चलते हैं। इस मार्ग पर सरकारी स्तर पर अब तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इस मार्ग पर हर वर्ष अभी तक कांवरिया की सुविधा को देखते हुए तैयारी पूरी कर ली जाती थी। लेकिन अभी तक प्रशासन की कोई चहल कदमी नहीं देखी जा रही है। इस मार्ग पर बिजली, पेयजल, शौचालय एवं ठहरने के लिए एक भी धर्मशाला नहीं है। हाल के वर्षों में बाराहाट मोतीहाट, बौंसी आदि जगहों पर जनसहयोग से निश्शुल्क सेवा शिविर शिव भक्तों द्वारा लगाये जा रहे हैं। लेकिन सरकारी स्तर पर कांवरिया की कोई सुविधा नहीं मिलने से कांवरिया को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
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