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ठहाकों की बारिश में डूबी आंधी, झूमा बांका

By Edited By: Published: Tue, 14 May 2013 12:29 AM (IST)Updated: Tue, 14 May 2013 12:30 AM (IST)
ठहाकों की बारिश में डूबी आंधी, झूमा बांका

हमारे प्रतिनिधि, बांका : शहर में सोमवार की शाम आई आंधी-बारिश ठहाकों की बरसात में डूब गई। मौका था, आरएमके स्कूल मैदान में दैनिक जागरण के हास्य कवि सम्मेलन का। नामचीन कवियों की हास्य-व्यंग्य रचनाओं को सुनने के लिए श्रोताओं की भीड़ उमड़ पड़ी। वो भी आंधी-पानी की परवाह किए बिना। देश के नामचीन कवियों ने भी उन्हें निराश नहीं किया। अपनी रचनाओं से श्रोताओं को ठहाकों के समंदर में डुबो दिया। चोटी के कवि अशोक चक्रधर हल्की-फुल्की पंक्तियों से समां बांधा। फिर युवा ऊर्जावान कवि डॉ. सुनील जोगी को संचालन की जिम्मेदारी सौंपी। इसके बाद कवयित्री डॉ. सुमन दूबे ने सरस्वती वंदना की।

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युवा कवि दिनेश बाबरा ने आंतकी हमले पर कहा, जब दुनिया तेरे बगैर नहीं चल सकती है, तो सृजन की कोख में हैवानियत कैसे पल सकती है। इन पंक्तियों से उन्होंने आतंक के बीज बोने वालों पर करारा प्रहार किया। बाबरा ने व्यंग्य की कई पंक्तियों से भी महफिल जमा दी। वरिष्ठ कवि सत्यनारायण सत्तन ने भारतीय जनता के मान के लिए एक गीत जागरण को गाना पड़ेगा, सोए हुए देश को जगाना पड़ेगा से बड़ा संदेश दैनिक जागरण के सुधि पाठकों को दिया। रतलाम के कवि धमचक मुलथानी ने व्यवस्था पर करारा प्रहार करते हुए पंक्ति पढ़ी-इस तरह की व्यवस्था चल रही, ऊपर से मूंगफलियां आती हैं चार दाने की, जनता तक आते-आते एक दाने की रह जाती हैं। रामेंद्र त्रिपाठी ने अपनी रचना सबने हाथ चिता पर सेंके, पांसे फेंके हार के.. तुलसीघर में नागफनी है, आंगन लहूलुहान है, तूफानों में कश्ती थी, अब कश्ती में तूफान है से बदलते परिवेश पर प्रहार किया। लखनऊ से आई डॉ. सुमन दुबे ने फूलों की मैं बेटी हूं, खुशबू की सहेली हूं.., फिर भी सब कहते हैं मैं एक पहेली हूं से नारी चिंतन पर सबका ध्यान खींचा। डॉ. सुनील जोगी ने मरजी के बिना उनकी, सियासत में आ गए, सेवा की, शराफत की, विरासत पचा गए, गुरु भक्ति में एकलव्य, अंगूठा छंटा गए, अन्ना को उनके चेले अंगूठा दिखा गए से राजनीति पर प्रहार किया।

इससे पूर्व जिलाधिकारी दीपक आंनद, दैनिक जागरण के समाचार संपादक आलोक मिश्रा, सहायक महप्रबंधक रंजन दुबे, सहायक विज्ञापन प्रबंधक नीलेश सरकार, विधान परिषद सदस्य मनोज यादव, पूर्व मंत्री रामनारायण मंडल, दि सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष जीतेंद्र सिंह, इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के निदेशक एनके कर्ण आदि ने दीप प्रज्वलित कर कवि सम्मेलन का उद्घाटन किया। सम्मानित अतिथि के रूप में जमुई के सांसद भूदेव चौधरी, सिविल सर्जन एनके विद्यार्थी समेत दर्जनों जनप्रतिनिधि व अधिकारी मौजूद थे।

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