कथा सुनने को लग रही श्रद्धालुओं की भीड़
निज प्रतिनिधि, अमरपुर (बांका) : पवई पवउरनी वार्षिक श्रृंगार महोत्सव पर आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण भक्ति ज्ञान यज्ञ का समापन बुधवार को हो गया। अंतिम दिन भी कथा सुनने को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रही। समापन सत्र में कथा वाचक स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने शापित राजा परीक्षित को मोक्ष के लिए शुकदेव मुनि द्वारा भागवत कथा श्रवण कराने का प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि सुदामाजी को प्रसन्न आत्मा एवं सुंदर रस्सी से भगवान को अपने आत्मा से जोड़ने वाला संत बताया है। वहीं सुदामाजी की पत्नी सुशीला को पतिव्रता बताते हुए कहा संकुचित सोच वाली स्त्री की संज्ञा देते हुए दरिद्रमय बताया। स्वामी रामभद्राचार्यजी महाराज ने कहा कि जब भगवान श्रीकृष्ण एक सौ वर्षो तक वृंदावन नहीं आये। लेकिन नंद बाबा और माता यशोदा 180 वर्ष की आयु में जीवित थे। तभी चंद्रग्रहण लगा और सभी वृंदावन वासी गंगासागर में स्नान करने गये हुए थे। जहां भगवान श्रीकृष्ण अपने सभी परिवारों के साथ वहां पहुंचे हुए थे। इसी दौरान भगवान को नंद बाबा और यशोदा मैया से मुलाकात होने के साथ ही आंसू की धार छूट गई। फिर सभी द्वारिका को आये। लेकिन तबतक भगवान के वंश छप्पन करोड़ हो गए थे। भगवान जितना समय तक समुद्र से द्वारिका भागे थे। वह समय भी पूरा हो गया था। तभी द्वारिका डगमगाने लगा। उन्होंने कहा कि जब भगवान को जाने का समय आया तो भगवान सोचने लगे कि हमारे वंशज काफी आततामी हो गए हैं। तभी वारूणी मदिरा का पाण करने लगे और सभी यदुवंशी दुर्वाशा मुनि के श्राप से एरक नामक धास से युद्ध करने लगे और इस युद्ध में चतुर्पया शेषा यानि चार पांच ही बचे रहे और भगवान जरा नाम के व्याध के बाण से अपने धाम को चले गये। साथ ही राजा परीक्षित को सतवां दिन तक्षक नाग ने डंस लिया। जिस पर राजा ने सिधोह कहकर मोक्ष को प्राप्त किया। मंडपाचार्य पंडित पुष्पदंत शास्त्री, आचार्य पंडित पद्नाम मिश्र, मूल पाठक पंडित अखिल रंजन झा ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हवन कार्य कर भागवत कथा का समापन किया। इस मौके पर यजमान जीवन चौधरी, नवल किशोर साह, विक्की तिवारी, देवकी नंदन चौधरी, प्रफुल्ल पांडेय, बुलबुल पांडेय, सोनी चौधरी, राजू मंडल, डब्लू मंडल, मनोज साह, हरि दास, प्रकाश दास, सोनू चौधरी, अटल बिहारी, दिलीप सिंह सहित ग्रामीण मौजूद थे।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर